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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल को सौंपी गई दिल्ली हिंसा पर काबू पाने की जिम्मेदारी

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में फैली हिंसा को शांत करने की जिम्मेदारी देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल को सौंप दी गई है। NSA अजीत डोवाल अब यहां के विभिन्न इलाकों में फैली हिंसा को अपने तरीके से काबू करेंगे। अजीत डोवाल सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था को तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। हिंसा को काबू करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को पूरी छूट दी गई है। 23 फरवरी से फैली इस हिंसा में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज्यादा लोग घायल हैं। दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, चांदपुर समेत उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में जबरदस्त हिंसा रुक-रुक कर हो रही है। प्रशासन ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश भी दिया है। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल मंगलवार की देर रात दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए पहुंचे थे। वो पहले नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या के दफ्तर पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों से मीटिंग की। इसके बाद डोभाल सीलमपुर रवाना हो गए। उनके साथ दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक भी मौजूद थे। एनएसए ने हिंसा में मारे और घायल हुए लोगों के अलावा हिरासत में लिए गए आरोपियों के बारे में भी जानकारी ली।

 हिंसा में मारे गए हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के परिजन राजस्थान के सदीनसर स्थित उनके पैतृक आवास के पास धरने पर बैठ गए हैं। यह लोग रतन लाल को ‘शहीद’ का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार रात तक 24 घंटे के अंदर 3 बैठकें कीं। दिल्ली के नए विशेष आयुक्त (कानून व्यवस्था) एसएन श्रीवास्तव के साथ देर रात तक तीन घंटे बैठक चली।

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