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विदेश में बसे कई भारतवंशी सिखों पर लगी रोक केंद्र ने हटाई

turban-man_landscape_1459721677एजेन्सी/केंद्र सरकार ने विदेश में बसे कई भारतवंशी सिखों पर लगे यात्रा से संबंधित प्रतिबंध हटा लिए हैं। ये सिख कथित तौर पर 1980 और 1990 के दशक में देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस बात के संकेत हैं कि सरकार ने यह कदम सहयोगी अकाली दल के दबाव में उठाया है।
सुरक्षा एजेंसियों ने देश के खिलाफ कार्य करने वाले या ध्वंसात्मक गतिविधियों में शामिल लोगों की एक सूची तैयार की थी। यह सूची विभिन्न स्तरों पर बनाई गई है और इसमें शामिल लोगों के भारत आने पर प्रतिबंध है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि लंबी चर्चा के बाद इस ब्लैक लिस्ट में से कुछ नामों को हटा दिया गया है।

बताया जा रहा है कि अकाली दल प्रमुख और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। बादल ने पीएम से आग्रह किया था कि 36 सिखों पर लगे प्रतिबंध हटा लिए जाएं। भारत आने पर लगी रोक के कारण इन लोगों को विदेश में रहना पड़ रहा है। मोदी के हस्तक्षेप के बाद गृह मंत्रालय ने अकाली प्रमुख की बात मान ली है। वैसे ब्लैक लिस्ट से कितने नाम हटाए गए हैं, इसकी सही संख्या नहीं पता चल सकी है।

1980 और 90 के दशक में कई सिख परिवारों ने अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन समेत कई दूसरे देशों में राजनीतिक शरण ली थी। इनमें से कई पर भारत में मामले दर्ज किए गए और उनकी स्वदेश वापसी पर रोक लगा दी गई। अधिकारियों के अनुसार यह संख्या हजारों में है। मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद प्रकाश सिंह ने उनसे इस बारे में बात की थी। प्रकाश सिंह ने मोदी से मांग की थी कि वह गृह मंत्रालय को ऐसे मामलों को नियमित रिव्यू करने का निर्देश दें।

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