नई दिल्ली। केंद्र सरकार हज यात्रा के लिए समुद्र मार्ग के विकल्प का फिर से इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को मुंबई स्थित हज हाउस में एक हज प्रशिक्षण कार्यक्रम में ये जानकारी दी।
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उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश के आलोक में हज नीति 2018 बनाने के लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह समिति हज यात्रियों को समुद्र मार्ग से जद्दा भेजने के विकल्प को फिर से शुरू करने पर विचार कर रही है।
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उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को पानी के जहाजों से भेजने पर हवाई किराये के मुकाबले यात्रा खर्च को करीब आधा कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जहाजरानी मंत्रालय से बातचीत चल रही है।
मुंबई से जद्दा के बीच हज यात्रियों को जलमार्ग से यात्रा कराने की व्यवस्था पर 1995 में रोक लगा दी गई थी। वर्तमान में हज यात्री देश भर के 21 केंद्रों से हवाई जहाज द्वारा उड़ान भरते हैं।
उन्होंने कहा कि ये जहाज 2300 नॉटिकल मील की दूरी दो से तीन दिनों में पूरी कर सकते हैं। पहले पुराने जहाजों को यह दूरी तय करने में 12 से 15 दिन लगते थे। नकवी ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी।