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अब ‘नाग’ के जरिए पाकिस्तान को सबक सिखाएगा भारत

नई दिल्ली: टैंक निरोधक निर्देशित प्रक्षेपास्त्र (एटीएमजी) नाग का मंगलवार को राजस्थान के रेगिस्तान में किया गया परीक्षण सफल रहा और इसने अपने लक्ष्य को सटीकता से भेद दिया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि दागो और भूल जाओ श्रेणी की तीसरी पीढ़ी के इस प्रक्षेपास्त्र में कईं उन्नत तकनीकों को समाहित किया गया है जिनमें इमेजिंग इन्फ्रारेड राडार सीकर और इन्टेग्रेटिड एवियोनिक्स शामिल हैं। इस तरह की तकनीकों से युक्त प्रक्षेपास्त्र विश्व के कम ही देशों के पास हैं। इस प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता अपने आप में विशिष्ट है और मंगलवार के परीक्षण में इसने अपने लक्ष्य को बहुत ही सटीकता से भेद दिया। इस परीक्षण को रक्षा शोध एवं अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ ) के डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्रक्षेपास्त्र परिसर, हैदराबाद, डी.एल. जोधपुर, एचईएमआरएल और एआरडीई, पुणे के वैज्ञाानिकों ने अंजाम दिया। इस परीक्षण की बुनियादी सुविधाओं को आर्डनेंस फैक्ट्री, बीईएल और एल एंड टी कंपनी ने उपलब्ध कराया। इस परीक्षण के दौरान सशस्त्र सेनाओं के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। रक्षा मंंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और महानिदेशक( मिसाइल्स एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स) डा.जी. सतीश रेड्डी इस परीक्षण के दौरान उपस्थित थे। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि इससे देश की रक्षा सामथ्र्य में और इजाफा होगा। डा. एस. क्रिस्टोफर, सचिव,रक्षा (आर एंड डी) और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने सभी टीम सदस्यों और इस मिशन से जुड़े सैन्य अधिकारियों को बधाई दी है।

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