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अब स्टूडेंट जॉब के अनुसार स्नातक के बीच में ही बदल सकते हैं अपने विषय पटना।

शैक्षणिक सत्र 2017-18 से बिहार के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अपनी पसंद का विषय चुन सकेंगे। इंटरमीडिएट चाहे किसी फैकल्टी में किया हो, स्नातक में लचीले और रोजगारपरक कोर्स को चुनने की उन्हें आजादी होगी। यह इसलिए मुमकिन हो पाएगा, क्योंकि नए शैक्षणिक सत्र से राज्य में स्नातक स्तर पर च्वॉयस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू हो जाएगा। इसके लिए राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद ने कुलाधिपति से आग्रह किया है कि वह विश्वविद्यालयों को 2017-18 से सीबीसीएस लागू करने का निर्देश दें। राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक के. सेंथिल कुमार ने सोमवार को इस बाबत राज्यपाल के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है।

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सत्र के बीच छात्र बदल सकेंगे कॉलेज

च्वॉयस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम छात्रों को अपनी मनपसंद विषय चुनने की आजादी देगा। साइंस, आर्ट्स, कामर्स के ऑनर्स विषयों के साथ उन्हीं संकाय के विषयों को सब्सिडरी (सहायक) रखने की अनिवार्यता से मुक्त होगी। इस बाबत के. सेंथिल कुमार ने बताया कि सीबीसी लचीला और रोजगारोन्मुखी होगा। विद्यार्थी हिन्दी भाषा, कम्प्यूटर समेत जो सीखना चाहें सीख पायेंगे। यदि सत्र के बीच में किसी विशेष परिस्थिति में किसी पाठ्यक्रम में नामांकित विद्यार्थी अपने विश्वविद्यालय के अंदर या किसी दूसरे विश्वविद्यालय के किसी कॉलेज में ट्रांसफर कराना चाहें तो उनको क्रेडिट के साथ ट्रांसफर की सुविधा मिलेगी।

2016-17 से ही लागू होना था सीबीसीएस

राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर च्वॉयस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम शैक्षणिक सत्र 2016-17 से ही लागू होना था। राज्यपाल रामनाथ कोविंद और शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने इसपर विशेष जोर दिया था। राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद समेत राजभवन में 18 जनवरी और 14 अप्रैल 2016 को हुई राज्यभर के विश्वविद्यालयों के कुलपति व प्रतिकुलपतियों की बैठकों में भी यह निर्णय लिया गया था कि सीबीसीएस को सत्र 2016-17 से ही लागू कर दिया जाए। हालांकि कई कारणों से यह प्रणाली चल रहे सत्र में लागू नहीं की जा सकी।

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