फीचर्डराष्ट्रीय

अभी-अभी: अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार के बचाव के लिए मैदान में आए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

नरेंद्र मोदी सरकार पर जब देश की अर्थव्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, ऐसे में देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बयान दिया है कि लंबे समय के फायदे के लिए अस्थाई कष्ट सहने ही पड़ेंगे। उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, ‘अस्थाई चीजें कुछ समय के लिए होती हैं। आपको लंबे समय के फायदे के लिए अस्थाई कष्ट सहन करना ही पड़ेगा। मैं इस मामले में नहीं पड़ रहा हूं। कुछ लोग हैं जो अपनी स्किल्स का इस्तेमाल करके इस पर बहस कर रहे हैं, लेकिन वे भूल रहे हैं कि उन्होंने क्या किया है, क्या करना है और क्या करने की जरूरत है।’ हालांकि, इस दौरान नायडू ने किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन इसे भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के भाजपा सरकार पर साधे गए निशाने के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।अभी-अभी: अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार के बचाव के लिए मैदान में आए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

बता दें, कुछ दिन पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर अर्थव्यवस्था को लेकर निशाना साधा था। सिन्हा ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में लेख लिखकर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाया था कि वे देश की अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई थी, नोटबंदी ने उसमें घी का काम कर दिया। साथ ही सिन्हा ने जीएसटी को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा।

इसके बाद गुरुवार (28 सितंबर) को यशवंत सिन्हा के बेटे और केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने एक लेख में नाम लिए बिना यशवंत सिन्हा की आलोचना की थी। जयंत सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग मौजूदा आर्थिक दशा की तथ्यों की अनदेखी और अतिसरलीकरण से गलत व्याख्या कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने यशवंत सिन्हा को जवाब दिलाने के लिए जयंत सिन्हा से लेख लिखवाया था।

जेटली ने भी सिन्हा पर निशाना साधा था। गुरुवार को एक कार्यक्रम में जेटली ने सिन्हा को 80 साल की उम्र में नौकरी चाहने वाला करार देते हुए कहा कि वह वित्त मंत्री के रूप में अपने रिकॉर्ड को भूल गए हैं। जेटली ने कहा कि सिन्हा नीतियों के बजाय व्यक्तियों पर टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगााया कि सिन्हा वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पीछे-पीछे चल रहे हैं। वह भूल चुके हैं कि कैसे कभी दोनों एक दूसरे के खिलाफ कड़वे बोल का इस्तेमाल करते थे।

हालांकि, जेटली ने सीधे-सीधे सिन्हा का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि उनके पास पूर्व वित्त मंत्री होने का सौभाग्य नहीं है, न ही उनके पास ऐसा पूर्व वित्त मंत्री होने का सौभाग्य है जो आज स्तंभकार बन चुका है। इसमें जेटली का पहला उल्लेख सिन्हा के लिए और दूसरा चिदंबरम के लिए था।

 

Related Articles

Back to top button