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समाज सेवा के लिए भरत वाटवानी और सोनम वांगचुक को मिलेगा रामन मैगसायसाय अवार्ड

दो भारतीय समाजसेवियों भरत वाटवानी और सोनम वांगचुक को नोबेल पुरस्कार का एशियाई संस्करण कहलाने वाले रामन मैगसायसाय अवार्ड से नवाजा जाएगा। ये इस साल इस अवार्ड को जीतने वाले 6 लोगों में से एक हैं।समाज सेवा के लिए भरत वाटवानी और सोनम वांगचुक को मिलेगा रामन मैगसायसाय अवार्ड

भरत वाटवानी एक मनोवैज्ञानिक है, जो सड़क पर रहने वाले गरीब मनोरोगियों के संरक्षण के लिए काम करते हैं। सोनम वांगचुक को आर्थिक प्रगति के लिए विज्ञान और संस्कृति का रचनात्मक उपयोग करते हुए लद्दाखी युवाओं की जिंदगी सुधारने के लिए जाना जाता है।

 इन दोनों के चयन की जानकारी रामन मैगसायसाय फाउंडेशन ने बृहस्पतिवार को अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल के जरिए दी। इन दोनों भारतीयों के साथ इस साल अवार्ड जीतने वाले अन्य विजेताओं में कंबोडिया के यॉक चांग, पूर्वी तिमोर की मारिया डि लाउर्ड्स मार्टिन्स क्रूज, फिलीपिंस के हॉवर्ड डि और वियतनाम के वो थि होआंग येन शामिल हैं। इन सभी को 31 अगस्त को यहां औपचारिक तौर पर एक समारोह में पुरस्कार दिया जाएगा।

1988 से जुटे हुए हैं वाटवानी
मुंबई निवासी भरत वाटवानी और उनकी पत्नी ने वर्ष 1988 में श्रद्धा रिहेबिलटेशन फाउंडेशन शुरू किया था, जिसके जरिए वे सड़क पर रहने वालों में से मनोरोगियों की पहचान कर अपने निजी क्लीनिक में उनका इलाज करते हैं। साथ ही उन्हें मुफ्त शेल्टर, खाना उपलब्ध कराने के साथ ही दोबारा उनके परिवार से मिलाने के लिए प्रयास करते हैं।

19 साल की उम्र से समाज सेवा कर रहे वांगचुक
51 साल के सोनम वांगचुक ने 19 साल की उम्र में पहली बार समाजसेवा शुरू की थी, जब उन्होंने श्रीनगर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेकभनोलॉजी में इंजीनियरिंग छात्र के तौर पर पढ़ते हुए ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। इसके जरिए उन्होंने इंस्टीट्यूट के लिए अपनी फीस जुटाने के साथ ही बिना तैयारी के नेशनल कॉलेज मैट्रिकुलेशन एग्जाम उत्तीर्ण करने वाले अन्य छात्रों की मदद भी करते थे। 

वर्ष 1988 में इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद उन्होंने स्टूडेंट्स एजुकेशन एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) की स्थापना की और दूरस्थ सुनसान क्षेत्रों के ऐसे लद्दाखी छात्रों को कोचिंग देना शुरू किया, जो सरकारी परीक्षाओं में फेल हो जा रहे थे। वर्ष 1994 में उन्होंने ऑपरेशन न्यू होप के नाम से शैक्षिक सुधार कार्यक्रम शुरू किया, जिसके यूनिक सिस्टम और समुदाय से जुड़ाव के लिए वांगचुक को पहचाना जाता है।

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