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अभी-अभी: टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर ने कहा, धोनी पर उंगली उठाना दुर्भाग्यपूर्ण

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने धोनी का फेवर करते हुए बड़ा बयान दिया है। गावस्कर का मानना है कि धोनी जैसे खिलाड़ियों पर उंगली उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने ये भी कहा है कि धोनी को लोग दो भागों में विभाजित कर दिए हैं। उनमें से एक का मानना है कि टीम इंडिया को धोनी ने बहुत कुछ दिया। वहीं, दूसरे का मानना है कि दूसरे टी-20 में खराब प्रदर्शन के कारण उनको संन्यास ले लेना चाहिए।अभी-अभी: टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर ने कहा, धोनी पर उंगली उठाना दुर्भाग्यपूर्ण

गौरतलब है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ शनिवार को राजकोट में खेले गए दूसरे टी-20 इंटरनेशनल मैच में धोनी के उतने अच्छे प्रदर्शन ना होने के कारण कई दिग्गज क्रिकेटरों ने धोनी पर तंज कसा। दूसरे टी-20 में टीम इंडिया को 40 रन से हार का सामना करना पड़ा था। धोनी ने दूसरे टी-20 इंटरनेशनल मैच में 37 गेंदों में मात्र 49 रन ही बना पाए। इसको लेकर टीम इंडिया के कई दिग्गज क्रिकेटरों ने कहा कि धोनी को अब टी-20 से संन्यास ले लेना चाहिए। उनको युवा खिलाड़ियों  के लिए जगह छोड़ देनी चाहिए। दिग्ग्ज क्रिकटरों का मानना है कि धोनी टी20 क्रिकेट में संघर्ष कर रहे हैं।

68 वर्षीय टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी गावस्कर ने कहा, ‘हम उनपर पर गौर नहीं करते हैं, जो 30 साल के निचे हैं। मगर 36 वर्षीय धोनी पर उंगली उठा रहे हैं।’ इस बीच गावस्कर ने टीम के अन्य खिलाड़ियों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘हमारे ओपनर्स अच्छा स्टार्ट नहीं किया, हम उसको नहीं देख रहे हैं। पांड्या को लेकर उन्होंने कहा कि वो गुगली को पिक नहीं कर पा रहा था। वो सब हम नहीं देखेंगे, लेकिन हम धोनी पर उंगली उठाएंगे।’ 

गावस्कर ने कहा कि क्या धोनी को सिर्फ वन-डे में ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनका मानना है कि धोनी को खेल के दोनों प्रारूपों को खेलना चाहिए, क्योंकि उससे मदद मिलती है। उन्होंने कहा, ‘एक क्रिकेटर के लिए खेलना बहुत जरूरी होता है। इससे लय बनी रहती है और खेल में भी मदद मिलती है। 

उन्होंने कहा कि भले ही आप एक गेंदबाज के रूप में विकेट नहीं ले रहे हों या बल्लेबाज के रूप में स्कोरिंग रन न कर रहे हों, लेकिन मैच का अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण है। मैच अभ्यास केवल शारीरिक पहलू के लिए ही नहीं बल्कि मानसिक पहलू के लिए भी अच्छा है। इसलिए स्पष्ट रूप से कहना चाहुंगा कि जो जितना अधिक क्रिकेट खेलता है, उसके लिए वह उतना ही बेहतर है।’

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