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अभी-अभी नीरव मोदी का करीबी श्याम सुंदर गिरफ्तार, खुल सकते हैं कई राज

पीएनबी से जुड़े करीब 13 हजार रुपये के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को श्याम सुंदर वाधवा को गिरफ्तार कर लिया है. वाधवा फायरस्टार ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट (फाइनेंस) है. उन्हें नीरव मोदी का करीबी भी बताया जा रहा है. ईडी पीएनबी घोटाले में श्याम सुंदर वाधवा की संलिप्तता की जांच कर रही है. ईडी को उम्मीद है कि वाधवा ने नीरव मोदी की मदद की है और वह उसके कई राज जानता है. आपको बता दें कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर पीएनबी को करीब 13 करोड़ रुपये की चपत लगाने का आरोप है. इस मामले में ईडी और सीबीआई ने नीरव और मेहुल को आरोपी बनाया है. मामले के सामने आने से पहले ही दोनों विदेश फरार हो गए हैं.अभी-अभी नीरव मोदी का करीबी श्याम सुंदर गिरफ्तार, खुल सकते हैं कई राज

आरटीआई के तहत जानकारी देने से इनकार
इस मामले में ईडी और सीबीआई की तरफ से तेजी से कार्रवाई की जा रही है और जांच एजेंसियों ने दोनों आरोपियों की करीब 8 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर ली है. इससे पहले पीएनबी ने विदेश भाग गए अरबपति हीरो कारोबारी नीरव मोदी को लोन जारी करने की प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज प्रकट करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनसे जुड़े 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की जांच जारी है. मुंबई आधारित आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के एक प्रश्न के जवाब में पीएनबी ने सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम की धारा 8(1) (एच) का हवाला देते हुए सूचना उजागर करने से इनकार कर दिया.

रिण देने की प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज मांगे थे
गलगली ने बताया कि उन्होंने नीरव मोदी को रिण देने की प्रक्रिया से जुड़े सभी दस्तावेज का ब्योरा मांगा था. इसमें बैठक के मिनट, एजेंडा नोट, मोदी की तरफ से मांगा गया कुल लोन और बैंक की तरफ से दिये गए लोन की राशि शामिल है. आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (एच) ऐसी सूचनाएं प्रकट करने से रोकती है जो जांच या अपराधी की गिरफ्तारी या अभियोजन की प्रक्रिया बाधित करती है.

हाल ही में एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस अर्जी को मंजूर दे दी जिसमें नीरव मोदी ग्रुप की कंपनियों के उन कर्मचारियों से पूछताछ की इजाजत मांगी गई थी जो पीएनबी घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. विशेष सीबीआई जज एस आर तंबोली ने कहा था ‘ईडी की अर्जी मंजूर की जाती है.’ ईडी ने पिछले हफ्ते अदालत का रुख कर सीबीआई की ओर से गिरफ्तार किए गए कुछ ऐसे आरोपियों से पूछताछ करने की इजाजत मांगी थी जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं. ये आरोपी मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं.

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