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अभी भी एक साल बाद हो रहा है पुराने नोटों का वेरिफिकेशनः RBI

एक साल पहले देश भर में बंद किए गए 500 और हजार रुपये के नोटों का वेरिफिकेशन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अभी भी किया जा रहा है। एक आरटीआई का जवाब देते हुए आरबीआई ने कहा कि अभी तक नोटों की केवल गिनती पूरी हुई है। अभी तक केवल 10 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू के नोट को सिस्टम में वेरिफाई किया जा चुका है।  
अभी भी एक साल बाद हो रहा है पुराने नोटों का वेरिफिकेशनः RBI
बैंक में आए हैं 1134 करोड़ के 500 रुपये के नोट
आरबीआई ने कहा है कि बैंक में 30 सितंबर तक 1134 करोड़ 500 रुपये के नोट और 524.90 करोड़ के 1000 रुपये के पुराने नोट वापस आ गए हैं, जिनकी कुल कीमत 5.67 लाख करोड़ और 5.24 लाख करोड़ रुपये है। इस हिसाब से सिस्टम में आए 10.91 लाख करोड़ रुपये के कुल नोटों का वेरिफिकेशन हो चुका है।  

वार्षिक रिपोर्ट में किया था यह खुलासा
नोटबंदी के बाद बंद हो चुके पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को गिनने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कार्यालय में मशीनों का प्रयोग नहीं हुआ। यह जानकारी एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सामने आई है।

केंद्रीय बैंक ने बंद हो चुके पुराने नोटों को गिनने के काम में लगाए गए कुल कर्मचारियों की संख्या बताने से इनकार कर दिया। आरबीआई का कहना है कि यह सूचनाएं जुटाने में उसके संसाधन कम पड़ जाएंगे। साल 2016-17 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा था कि 15.28 लाख करोड़ रुपये या विमुद्रित 500 और 1000 रुपये के नोट का 99 फीसदी हिस्सा बैंकिंग सिस्टम में आ गया है। 

10 अगस्त को कही थी ये बात

इस रिपोर्ट में कहा गया कि 15.44 लाख करोड़ के पुराने नोट से सिर्फ 16050 करोड़ रुपये वापस नहीं आए। 10 अगस्त की तारीख वाली आरटीआई के जवाब में केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई कार्यालय ने किसी भी उद्देश्य के लिए काउंटिंग मशीन का प्रयोग नहीं किया। 

आरबीआई ने यह भी कहा कि पुराने नोटों को गिनने के लिए लीज पर भी काउंटिंग मशीन को नहीं लिया गया। आरटीआई में 500 और 1000 रुपये के नोटों को गिनने में प्रयोग की गई मशीनों की विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। पुराने नोटों के गिनती का अंतिम दिन बताने से जुड़े सवाल का भी आरबीआई ने कोई विशेष जवाब नहीं दिया।

नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा कराए गए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती के लिए 66 नोट गिनने वाली अत्याधुनिक मशीनों (सीवीपीएस) का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह जानकारी दी है।

नोटों की गिनती के लिए इन आधुनिक मशीनों की खरीद के लिए वैश्विक निविदा जारी की गई थी। केंद्रीय बैंक ने सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत इस संबंध में की गई पूछताछ के जवाब में यह जानकारी दी। 

आरटीआई आवेदन के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा, ‘इस समय पुराने नोटों की गिनती के लिए 59 आधुनिक गणना मशीनें काम पर लगी हुई हैं। इसके अलावा वाणिज्यिक बैंकों के पास उपलब्ध सात ऐसी मशीनों को भी इस्तेमाल में लाया जा रहा है।’ 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि सात सीवीपीएस मशीनों को पट्टे पर लेने का काम चल रहा है। इन मशीनों को पट्टे पर लेने के शुल्क के बारे में पूछे गए सवाल पर केंद्रीय बैंक ने कहा कि जो सूचना मांगी गई है वह वाणिज्यिक विश्वास के रूप में है और इसलिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून 2005 की धारा 8(1)डी के तहत इस तरह की जानकारी देने से छूट है।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसके कार्यालयों में 59 सीवीपीएस मशीनें इस्तेमाल में लाई जा रही हैं और एक निरीक्षक की निगरानी में पांच लोगों का समूह इसका संचालन कर रहा है। ‘इसके अलावा कई अन्य लोग भी इस पूरी प्रक्रिया में शामिल हैं।’ 

रिजर्व बैंक ने 2016-17 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि पुराने बंद किए गए 500 और 1,000 रुपये के 15.28 लाख करोड़ रुपये यानी 99 प्रतिशत नोट बैंकिंग तंत्र में लौट आए हैं। बैंक ने कहा कि 15.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोटों में से केवल 16,050 करोड़ रुपये के ऐसे नोट ही बैंकिंग तंत्र में नहीं आए हैं। 

 
 

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