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अमित शाह का एमपी बीजेपी संगठन से सवाल, मेरे नाम पर कैसे हुए भ्रामक फैसले

भोपाल.भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कोर ग्रुप की बैठक में 75 साल के फॉर्मूले का विषय उठाया। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल से पूछा- यह फैसला मेरे नाम पर कैसे चढ़ गया? रामलाल ने सफाई में कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं कहा था कि ऐसा कोई निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर लिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने फोन पर मुझसे पूछा जरूर था, लेकिन मैंने इतना ही कहा था कि उन दोनों (गौर और सरताज) से बात कर लें। वे इस्तीफा देना चाहते हैं या पार्टी उनसे इस्तीफा लेना चाहती है तो यह अपने स्तर पर तय कर लें। हालांकि रामलाल की सफाई के बाद शाह ने नंदकुमार से कोई सवाल-जबाव नहीं किए।अमित शाह का एमपी बीजेपी संगठन से सवाल, मेरे नाम पर कैसे हुए भ्रामक फैसले
 
शाह के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान यह अंतिम बैठक थी। इसमें तीन दिन में हुई नौ बैठकों में आए फीडबैक के बाद कई निर्णय लिए गए। सूत्रों ने बताया कि है कि सत्ता-संगठन के बीच समन्वय बनाने वाले कोर ग्रुप को शाह ने निर्देश दिए कि खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर किया जाए। बता दें कि शाह को मिले फीडबैक और उनके प्रवास से ठीक दो दिन पहले दिल्ली पहुंची रिपोर्ट के आधार पर चार मंत्रियों का प्रदर्शन ठीक नहीं बताया गया है।

शाह बोले: पार्टी पांच-दस नहीं बल्कि 50 साल के लिए सत्ता में आई है

अमित शाह द्वारा इस विषय को उठाए जाने से पार्टी में 75 वर्ष के नेताओं को मंत्रिमंडल से बहार किए जाने पर चल रहा अंर्तद्वंद्व सतह पर आ गया है। शनिवार को अपनी पत्रकार वार्ता के दौरान भी शाह ने स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी में न तो कोई ऐसा नियम है और न ही परंपरा कि 75 वर्ष की उम्र पार कर चुके नेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति न दी जाए। जबकि केंद्रीय नेतृत्व का फैसला बता कर 20 जून 2016 को शिवराज केबिनेट से बाबूलाल गौर और सरताज सिंह की छुट्टी की गई थी। ज़ाहिर है पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा इस विषय को उठाए जाने से अब प्रदेश नेतृत्व पर गौर और सरताज को मंत्रिमंडल में वापस लिए जाने का दबाव बढ़ेगा। हालांकि निकट भविष्य में इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है। मगर 75 पार वाले मुद्दे पर पार्टी की स्पष्ट राय आने से उन नेताओं की भी बांछें खिल जाएंगी ,जो 70 वर्ष के आसपास होने के कारण अगला विधानसभा चुनाव को लेकर वे असमंज में थे। बता दें कि काेर ग्रुप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, संगठन महामंत्री सुहास भगत सहित 16 सदस्य हैं।

 
यह निर्णय भी हुए
– सभी राजनैतिक और नीतिगत निर्णयों में कोर कमेटी का निर्णय अहम होगा।
– कोर कमेटी को और अधिकार सम्पन्न बनाया जाएगा।
– मंत्रियो के कामकाज में तेज़ी लानी है।
-जिन मंत्रियों का प्रदर्शन ठीक नहीं है, उन्हें बहार कर नए लोगों को मौका दिया जाएगा।
– जिन विधायकों का काम ठीक नहीं है उन्हें भी चेतावनी दी जाएगी।
– जो सुझाव मुझे मिले हैं ,उन पर हमारी टीम विचार करेगी और यदि उन पर कोई निर्णय लेना है तो आपको अवगत कराया जाएगा।
– सांसदों-विधायकों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा।
 
जनवरी में ही खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है भोपाल
अमित शाह और शिवराज सिंह चौहान ने वार्ड 26 के सेवनिया गौड़ गांव में जिस आदिवासी के घर भोजन किया उसके घर के साथ ही ज्यादातर घरों में शौचालय नहीं है। पूरे वार्ड के 200 से ज्यादा घरों के लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं। यह हाल तब है, जब जनवरी में भोपाल को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है। गांव में सरकारी सहायता से शौचालय बनाने के काम में हुई गड़बड़ी की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की जा चुकी है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। शाह और शिवराज ने जिस कमल सिंह उइके के घर भोजन किया, उसने भी चार महीने पहले शौचालय बनाने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अब तक नहीं बना। सेवनिया गौड़ गांव की मानव संग्रहालय बस्ती के 135 घरों में ज्यादातर में शौचालय नहीं बने हैं। इन लोगों को 20 साल पहले यहां शिफ्ट किया गया था। बस्ती के नारायण सिंह परमार कहते हैं कि पूरे मोहल्ले में शौचालय नहीं है। गांव के अन्य लोगों ने बताया कि सरकारी सहायता के तहत गांव में शौचालय बनाने के काम में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। यहां शौचालय बनाने का काम ठेकेदार को दे दिया गया था। लोगों ने सीएम हेल्पलाइन में भी इसकी शिकायत की थी। निगम ने यहां माड्यूलर टायलेट भी नहीं रखवाए हैं। वार्ड क्रमांक 26 के पार्षद संतोष उइके से जब भास्कर ने सवाल किया कि उनके वार्ड में कितने टायलेट बने हैं और कितने बनने बाकी हैं? तो पार्षद ने कहा कि लगभग बन गए हैं। कुछ ही घरों में टायलेट बनने का काम बाकी होगा। उन्होंने कहा कि सूची देखकर ही वे इसकी पूरी जानकारी दे सकते हैं।
गुप्ता बोले आवेदन दिया है तो बन जाएगा टायलेट-
दक्षिण पश्चिम क्षेत्र के विधायक व राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने मीडिया से कहा कि कमल सिंह ने टायलेट बनाने के लिए आवेदन दिया है। आवेदन मिला है तो टायलेट भी बन ही जाएगा।
 
कमल सिंह की बूढ़ी मां बोलीं- घर में शौचालय नहीं, हम तो पहाड़ी पर जाते हैं
यह हैं कमल की बूढ़ी मां सुक्खो बाई। मोतियाबिंद के कारण ज्यादा दिखाई नहीं देता। शाह और शिवराज घर में भोजन करके चले गए लेकिन इन्हें यह नहीं पता कि घर में कौन आया था। पूछने पर कहती है गुप्ताजी आए थे। वह कहती हैं कि घर पर शौचालय नहीं है। पहाड़ी पर जाते हैं।
 
अफसरों ने कमल से लिखवाया- जगह की कमी के कारण नहीं बनाया टॉयलेट
कमल के घर शौचालय न होने का मामला बढ़ा तो निगम के अफसरों ने रविवार को ही उससे एक पंचनामे पर हस्ताक्षर करा लिए। बिना तारीख वाले पंचनामे में कमल के नाम से लिखा गया-‘मैं अपने दो अन्य भाइयों के साथ एक ही बाड़े में रहता हूं। बाड़े में तीन टॉयलेट हैं। मैं और मेरा परिवार मेरे भाई फूलसिंह के निवास पर बने टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं। चार महीने पहले टॉयलेट निर्माण के लिए आवेदन दिया था। जगह की कमी के कारण टॉयलेट निर्माण संभव नहीं हो सका।
 
माड्यूलर टाॅयलेट रखवाए हैं
सेवनिया गौड़ में निगम ने माड्यूलर टाॅयलेट रखवाए हैं। जिस कमल सिंह के घर पार्टी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री गए थे, वो पहले संयुक्त परिवार था। वहां पहले से दो टायलेट हैं।

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