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अमेरिका की गहरी चिंता, पाक के परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ न लग जाएं

पाकिस्तान को आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बताने के बाद अमेरिका ने आशंका जताई है कि कहीं पाक में मौजूद परमाणु हथियार और सामग्री आतंकी समूहों के हाथ नहीं लग जाएं। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि सामरिक हथियारों के विकास के साथ-साथ अमेरिका की यह चिंता और गहरी हो गई है। 

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अमेरिका की गहरी चिंता, पाक के परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ न लग जाएंट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दक्षिण एशियाई रणनीति के इस बेहद संवेदनशील हिस्से पर संवाददाताओं से बात करते हुए अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि ट्रंप सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि पाक परमाणु हथियार और सामग्री आतंकी समूहों के हाथ लग सकती है।उन्होंने बताया कि व्यापक समीक्षा के दौरान सबसे बड़ा मसला यहां पनप रहे परमाणु हथियारों से जुड़ा खतरा है जो लगातार चर्चा का विषय बन रहा है और अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है। सोमवार को ट्रंप द्वारा घोषित दक्षिण एशियाई रणनीति में भी परमाणु हथियारों के गलत हाथों में जाने की बात कही गई थी।

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अमेरिका इसलिए भी चिंतित है क्योंकि भारत और पाक में परमाणु हथियार युद्ध के मैदान में उपयोग करने के लिए बनाए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि इस नीति में परमाणु संपन्न भारत और पाकिस्तान के बीच गहरे हो रहे तनाव को प्राथमिकता दी जा रही है और उन तरीकों पर विचार किया जा रहा है जिससे दोनों देशों के बीच तनाव खत्म किया जा सके।

साथ ही दोनों देशों के बीच सैन्य मुकाबले से भी बचा जा सके। अधिकारी के मुताबिक इस दक्षिण एशिया की नीति में भारत-पाक के बीच भरोसा पैदा करने के उपायों पर गौर किया गया है।

इन देशों को बातचीत के लिए प्रोत्साहित करना भी इस नीति का ही एक हिस्सा है। हाल ही में अमेरिकी विशेषज्ञ स्टीफन टैंकल ने भी अमेरिकी सुरक्षा केंद्र को लिखा था कि भारत-पाक में परमाणु तनाव कम करने व आतंकी हमलों को रोकने में अमेरिका का हित शामिल है। 

 

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