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अरुण जेतली ने लगाई छलांग

arunनई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में बदले समीकरणोंं ने पार्टी के दिग्गजों को अलग-थलग कर दिया है। पार्टी में अब पहली कतार के नेताओं में कौन-कौन होंगे इसको लेकर भी संशय होने लगा है लेकिन केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेतली की छलांग ने सभी दिग्गजों को किनारे कर दिया है। इसकी झलक पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में देखने को भी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली की तिकड़ी पिछले कई महीनों से सरकार और संगठन एक साथ चला रही है, ये चर्चाएं तो थीं लेकिन खुलकर यह बात सामने इन 2 दिनों में आई। बेंगलूर में 2 दिन चली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मंच पर तिकड़ी ने ही मोर्चा संभाला। पार्टी के पितामह एवं संस्थापक सदस्य लाल कृष्ण अडवानी दोनों दिन मंच पर तो दिखे, लेकिन वह बोले तक नहीं। उनको लेकर यह कहा गया कि वह मार्गदर्शन करेंगे, लेकिन बिन भाषण मार्गदर्शन कैसा? यह सवाल खड़े कर गया।
इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता डा. मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, पूर्व अध्यक्ष एवं गृहमंत्री राजनाथ सिंह जैसे दिग्गजों को तवज्जो ही नहीं दी गई जबकि, अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था। अब तक सरकार में नंबर-2 की हैसियत से जाने जाते वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह को भी मंच पर जगह नहीं दी गई। प्रधानमंत्री के देश से बाहर होने पर राजनाथ सिंह ही व्यवस्था देखते हैं लेकिन, इस कार्यकारिणी में उन्हें भी दरकिनार कर दिया गया। सरकार और संगठन में लंबे समय से नंबर-2 की लड़ाई अंदरखाते चल रही थी। लेकिन, इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने मंच पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेतली को बैठाकर यह साबित कर दिया कि अरुण जेतली ही दोनों पायदानों पर नंबर-2 हैं। हालांकि, अरुण जेतली को लेकर भाजपा के नेताओं ने तर्क दिया है कि जेतली चूंकि, राज्यसभा में सदन के नेता हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में नेता, इसलिए उन्हें प्रधानमंत्री के साथ मंच पर जगह दी गई है।

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