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अर्थव्यवस्था में सुधार! औद्योगिक उत्पादन का चक्का घूमा, महंगाई दर 6 माह ने निम्न स्तर पर

एजेन्सी/ 109193-industrial-production-inflation700नयी दिल्ली: खनन, बिजली तथा उपभोक्ता टिकाउ सामान के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में फरवरी के दौरान 2.0% की वृद्धि हुई। इससे पहले पिछले तीन महीनों में इसमें गिरावट दर्ज की गयी थी। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति (महंगाई दर) घटकर 6 महीने के निम्न स्तर 4.83% पर पहुंच गयी। यह अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत है तथा रिजर्व बैंक के लिये नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश को बताता है। पुनरूद्धार की धीमी गति से चिंतित उद्योग जगत ने वृद्धि को गति देने के लिये न्यूनतम ब्याज दर की व्यवस्था की वकालत की है।

उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा, ‘निवेशक धारणा में सुधार के लिये प्रतिस्पर्धी ब्याज दर जरूरी है। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती से वृद्धि रास्ते पर लाने में मदद मिलेगी। हालांकि यह अब बैंकों पर है कि वह नीतिगत दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को दें।’ हालांकि औद्योगिक उत्पादन में फरवरी में वृद्धि हुई लेकिन औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 75% से अधिक हिस्सेदारी रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर महज 0.7% रही जो पिछले साल फरवरी में 5.1% थी।

उद्योग मंडल फिक्की ने कहा, ‘विनिर्माण क्षेत्र के लिये वृद्धि की काफी संभावना है। लेकिन फिलहाल मांग परिदृश्य बहुत अच्छा नहीं है। ऐसे में उद्योग बड़े पैमाने पर विस्तार को लेकर सतर्क है।’ औद्योगिक उत्पादन में तेजी का कारण खनन, बिजली तथा उपभोक्ता टिकाउ क्षेत्र में सुधार है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में नवंबर में 3.4% की गिरावट आयी थी जबकि दिसंबर और जनवरी में इसमें क्रमश: 1.2% तथा 1.5% की गिरावट दर्ज की गयी थी। पिछले वर्ष फरवरी में सूचकांक में 4.8% की वृद्धि हुई थी। 

वहीं दूसरी तरफ खुदरा मुद्रास्फीति (महंगाई दर) मार्च महीने में घटकर 4.83% पर आ गई है, जो इसका छह महीने का निचला स्तर है। मुख्य रूप से सब्जियों और दालों जैसे खाद्य उत्पादों के दाम घटने से खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आई है। फरवरी माह की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को उपर की ओर संशोधित कर 5.18 से 5.26% किया गया है। इससे पहले सितंबर, 2015 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.41% पर थी।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति भी घटकर 5.21% पर आ गई है। फरवरी में यह 5.30% पर थी। मार्च में सब्जियों की मूल्यवृद्धि 0.54% रही। तेल एवं वसा की 4.85%, दूध और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.33% दर्ज की गई। वहीं दूसरी ओर फलों के दाम समीक्षाधीन महीने में 1.10% घट गए। माह के दौरान दाल की महंगाई दर भी सालाना आधार पर घटकर 34.15% रह गयी।

हालांकि चीन और कनफेक्शनरी की मूल्यवृद्धि फरवरी के 0.51% से बढ़कर मार्च में 3.92% हो गई। वहीं पान और तंबाकू की मुद्रास्फीति 8.51% रही, जो इससे पिछले महीने 8.39% थी। माह के दौरान मोटे अनाजों और उत्पादों की मूल्यवृद्धि बढ़कर 2.43% हो गई। वहीं मांस और मछली की श्रेणी में यह कुछ बढ़कर 7.74% हो गई।

इसी प्रकार, अंडों की कीमत में भी तेजी आयी और इसमें महंगाई दर 6.68% रही। ग्रामीण इलाकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 5.70% रही, वहीं शहरी क्षेत्रों के लिए यह 3.95% थी। 

पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान औद्योगिक उत्पादन 2.6% बढ़ा जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में इसमें 2.8% की वृद्धि हुई थी। उपभोक्ता टिकाउ वस्तुओं के उत्पादन में सुधार से फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई। उपभोक्ता टिकाउ सामान के क्षेत्र में फरवरी में 9.7% की वृद्धि हुई जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में 3.8% की गिरावट हुई थी। खनन क्षेत्र में भी अच्छी वृद्धि हुई। फरवरी महीने में इसमें 5.0% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 1.6 प्रतिशत थी।

बिजली उत्पादन में आलोच्य माह के दौरान 9.6% की वृद्धि हुई जो एक वर्ष पूर्व फरवरी महीने में 5.9% थी। हालांकि निवेश प्रवाह का सूचक पूंजीगत वस्तुओं में फरवरी में 9.8% की गिरावट आयी जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 8.3% की वृद्धि हुई थी।

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