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अस्पताल में कोरोना से स्वस्थ होने वाले बुजुर्ग दोबारा हो रहे भर्ती

नई दिल्ली: कोरोना से स्वस्थ होने के बाद भी कई तरह के लक्षणों से पीड़ित मरीजों में बुजुर्गों की संख्या काफी अधिक है। दिल्ली के एम्स में पिछले दो सप्ताह में कई ऐसे बुजुर्ग मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं जो कोरोना से ठीक हो गए थे, लेकिन बाद में तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। एम्स के जिरियाट्रिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर विजय गुर्जर ने बताया कि पिछले 15 दिनों में उन्होंने सात ऐसे मरीजों का इलाज किया है, जो कोरोना से स्वस्थ होने के बाद चलने फिरने में भी सक्षम नहीं थे। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए फिजियोथेरेपिस्ट, डायटीशियन और मनोचिकित्सक की सलाह ले रहे हैं।

कोरोना से ठीक हो गए लेकिन बेड से उठ नहीं पाते और पीठ में जख्म हो गए
61 वर्षीय राजेन्द्र जून में कोरोना संक्रमित होने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे। वहां से ठीक होने के बाद वे घर लौट आए। फेफड़े ठीक थे और सांस की भी कोई दिक्कत नहीं महसूस हो रही, लेकिन उनकी मांशपेशियां बुरी तरह सूख गईं। इस वजह से वे बेड से भी उठ पाने में असमर्थ थे। लगातार लेटे रहने से उनकी पीठ में घाव हो गया था। इतना ही नहीं, उनकी याददाश्त भी चली गई थी। वे अपने करीबी लोगों के नाम भी भूलने लगे थे।

उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों को पेशाब की नली डालनी पड़ी, धीरे-धीरे खाना शुरू किया। फिजियोथेरेपी कराने के बाद उनकी तबीयत में सुधार आ गया। इसके बाद भी राजेंद्र मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं थे। उनका किसी से बात करने में मन नहीं लगता था तो मनोचिकित्सक की मदद से कॉउंसलिंग कराई गई। अब वे बेहतर महसूस कर रहे हैं।

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