अद्धयात्म

अहंकारी भी होते हैं इस नक्षत्र में जन्मे लोग

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ proud-1453462773चतुर्दशी तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। पूर्णिमा तिथि में विवाहादि मांगलिक कार्य, उपनयन, प्रतिष्ठा, पौष्टिक, वास्तु, गृहारम्भ, गृह-प्रवेश, अलंकारादिक कार्य, तथान्य धार्मिक कार्य शुभ होते हैं। पूर्णिमा तिथि में जन्मा जातक सुस्थिर, सदा प्रसन्न मन वाला, कामी, सुंदर, भाग्यशाली तथा अत्यंत गुणवान होता है।
 
अगर पुनर्वसु नक्षत्र हो तो इसमें शान्ति, पुष्टता, गमन, अलंकार (गहना), घर, व्रतादि, सवारी, खेती एवं विद्यादि कार्य शुभ माने गए हैं। पुष्य नक्षत्र में सभी चर, स्थिर कार्य, शांति, पुष्टता, उत्सव संबंधी समस्त कार्य (विवाह को छोड़कर) करने चाहिए। 
  
पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मा जातक बुद्धिमान, विद्वान, शीतल स्वभाव, अनेक मित्रों वाला, संतान सुखयुक्त, श्वेत वस्तुओं में रुचि रखने वाला, यात्राएं बहुत करने वाला, काव्य प्रेमी, मातृ-पितृ भक्त एवं ख्याति प्राप्त करने वाला होता है। कोई-कोई जातक पंचांग के अन्य अवयवों के प्रभाववश थोड़ा अहंकारी एवं कुत्सित बुद्धि वाला भी होता है। 
 
वारकृत्य कार्य
शनिवार को सामान्यत: लोहा, पत्थर, सीसा, रांगा सम्बन्धी कर्म, अस्त्र-शस्त्र, नौकरी या नौकर रखना, गृह-प्रवेश आदि कार्य सिद्ध होते हैं।
 
दिशाशूल
शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। अतिआवश्यकता में कुछ उड़द के दाने चबाकर शूल दिशा की अनिवार्य यात्रा पर प्रस्थान कर लेना चाहिए। चंद्र स्थिति के अनुसार पश्चिम-उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी। 
 

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