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आईसीसी के संवैधानिक सुधारों को बीसीसीआई ने ठुकराया

मुंबई (ईएमएस)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को करारा झटका देते हुए इस विश्व संस्था के प्रस्तावित राजस्व मॉडल के साथ ही संवैधानिक सुधारों का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया है। इस मामले में बीसीसीआई ने आईसीसी को एक खत भी लिखा है।

11 पन्नों के इस पत्र में बीसीसीआई ने आईसीसी को 12 अक्टूबर 2014 के एमपीए यानी मेंबर्स पार्टिसिपेशन एग्रीमेंट की याद भी दिलाई। सीओए सदस्य विक्रम लिमये ने आईसीसी सीईओ डेव रिचर्डसन को लिखे इस खत में कहा है। आईसीसी का संविधान और प्रस्तावित वित्तीय मॉडल अगर स्वीकृत होते हैं तो हम एमपीए अनुबंधों के तहत अपने अधिकारों और कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमें भरोसा है कि आईसीसी नये संविधान और वित्तीय मॉडल को एमपीए के तहत देखेगा ताकी हमें कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल ना करना पड़े।

सूत्रों के मुताबिक प्रशासकों की समिति तय कर चुकी है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बोर्ड के वित्तीय हितों से किसी भी हालत में समझौता नहीं होगा। अप्रैल के महीने में आईसीसी सुधारों पर दुबारा से विचार करेगी पर बीसीसीसीआई के विरोध से उसकी योजना कठिनाई में पड़ती दिख रही है, नए सुधारों को लेकर श्रीलंका और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। ऐसे में बीसीसीआई का दावा और पक्का हो सकता है।

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