आखिर कहां गायब हो रहे हैं दो हज़ार के नोट ?
मध्य प्रदेश, बिहार और गुजरात सहित कई राज्यों में इन दिनों दो हज़ार के नोटों की परेशानी बनी हुई है .सवाल यह उठा रहा है कि क्या कालेधन के कारोबारियों ने इसे गायब किया है या रिजर्व बैंक ने बैंकों को कम आपूर्ति की है या यह कोई साजिश है . मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तो इसे साजिश बताते हुए जाँच की मांग की है.
उल्लेखनीय है कि बैंक शाखाओं और करंसी चेस्ट में भी 2000 रुपये के नोटों की आवक लगातार कम होती जा रही है. मीडिया रिपोर्ट पर विश्वास करें, तो रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद करीब 7 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट जारी किए थे. जुलाई में बैंकों में इन नोटों की संख्या करीब 35 प्रतिशत थी, जो नवंबर 2017 तक घटकर 25 प्रतिशत हो गई. बैंकों से जमा नकदी रोजाना औसतन 14 करोड़ से घटकर 4 करोड़ रह गई है .
मध्यप्रदेश सहित देश के अनेक राज्यों में एटीएम में नकदी की कमी पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान महासम्मेलन में इसे साजिश बताते हुए कहा कि कुछ लोग 2,000 के नोट दबाकर नकदी की कमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. सीएम ने कहा, नवंबर 2016 में जब नोटबंदी हुई थी तब 15 लाख करोड़ रुपये के नोट बाजार में थे और आज साढ़े 16 लाख करोड़ के नोट छापकर बाजार में भेजे गये हैं, लेकिन 2-2 हजार के नोट कहां जा रहे हैं, कौन दबाकर नकदी की कमी पैदा कर रहा है. यह षड्यंत्र इसलिए किया जा रहा है, ताकि परेशानियां पैदा हो.राज्य सरकार इससे निपटेगी. केंद्र से भी बात करेंगे. हालाँकि इस मामले में आरबीआई या वित्त मंत्रालय की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.