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आजादी के बाद सभी चुनावों में दिया वोट, अब बने ब्रांड एम्बेस्डर

भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत बुजुर्गों को वोट डालने के लिए 105 साल के कृष्णदास वैष्णव इंदौर में ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करेंगे। प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव होना हैं। निर्वाचन आयोग मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसे लेकर प्रशासन शहर के क्रिकेटर अमय खुरासिया, गायिका पलक मुछाल व अन्य जानी-मानी हस्तियों के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है। इसी आधार पर इतनी अधिक उम्र के कृष्णदास को बुजुर्गों को जागरूक करने के लिए प्रेरक माना जा रहा है, ताकि 100 साल या इसके अधिक उम्र के वृद्ध भी इस बार मतदान करने जा सकें।इतनी अधिक उम्र के बावजूद कृष्णदास आजादी के बाद हुए किसी भी चुनाव में मतदान करने से नहीं चूके। उन्होंने संकल्प लिया है कि इस बार भी वे मतदान करने जाएंगे और सभी बुजुर्गों को वोट डालने की प्रेरणा देंगे। स्कीम नंबर 51 में (पचलोरे मांगलिक भवन के पीछे) रहने वाले कृष्णदास वैष्णव को निर्वाचन आयोग की तरफ से वोट डालने के लिए सुविधाएं देने का भी वादा किया गया है, उन्हें वोट डालने के लिए लाइन में नहीं लगना होगा। वे सीधे जाकर वोट डाल सकेंगे। साथ ही उन्हें आयोग के खर्च पर ही घर छोड़ा जाएगा। कृष्णदास अब भी स्वस्थ हैं और घूमते भी हैं। उनकी याददाश्त और आंखें कमजोर हो चुकी हैं, लेकिन वोट डालने को लेकर वे उत्साहित हैं और चुनाव की तारीख का इंतजार कर रहे हैं। कृष्णदास 1967 में डाक विभाग में पोस्टमैन के पद से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने बताया कि उन्हें भारत-पाकिस्तान का बंटवारा भी याद है। उस वक्त हुए दंगों की तस्वीरें अभी भी उनके जेहन में हैं। उतना भयानक दृश्य उन्होंने फिर कभी नहीं देखा, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। गांधीजी, नेहरूजी, इंदिरा गांधी, लालकृष्ण आडवाणी, अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह जैसे कई नेताओं से मिल चुके हैं। कृष्णदास के मुताबिक उन्हें जानकारी है कि निर्वाचन आयोग इस बार वोट डालने का नया तरीका अपनाने जा रहा है। वीवीपेट से वोट डालने के बाद उन्हें अपनी वोट की प्रामाणिकता की भी जानकारी मिलेगी। इसमें जिस उम्मीदवार को वोट दिया, उसका नाम और चिन्ह कुछ सेकंड के दिखाई देगा। उनका मानना है कि अब तक हुए चुनाव में वोट डालने के बाद पहली बार यह अनोखा अनुभव होगा। उनके परिजन का कहना है कि कृष्णदास की उम्र 105 साल है, लेकिन वोटर लिस्ट में उनकी उम्र 103 साल दर्ज है। वे इतने जीवट हैं कि अपना काम खुद करते हैं। हर चुनाव में वोट डालने जाते हैं और समाज को वोट डालने की कीमत भी बताते हैं। वे सबको समझाते हैं कि लोकतंत्र में एक वोट की कीमत होती है और आपका एक वोट सरकार बदल सकता है। सभी बुजुर्गों को मतदान केन्द्र तक लाने ले जाने की व्यवस्था की जाएगी। सौ साल के जितने भी बुजुर्ग हैं, वे प्रेरक और ब्रांड एंबेसडर का ही काम करेंगे, उन्हें लाने और ले जाने की व्यवस्था भी निर्वाचन आयोग की तरफ से की जाएगी।

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