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आज मिलेंगे मुख्यमंत्रियों से पीएम मोदी

modi newनई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज मुख्यमंत्रियों के एक बैठक होगी जिसमें नई सरकार के तहत बदलते आर्थिक हालात के बीच मौजूदा योजना आयोग की जगह नई संस्था के स्वरूप, उसका दायरा और भूमिका पर चर्चा होगी। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा प्रधानमंत्री योजना आयोग के स्थान पर बनाई जाने वाले नई संस्था के आकार और काम-काज के संबंध में मुख्यमंत्रियों के साथ विचार करेंगे। वित्त मंत्री अरण जेटली के मुताबिक हम राज्यों को सशक्त बनाने में विश्वास रखते हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि आज की बैठक के बाद जो भी फैसला किया जाएगा उससे राज्य बेहतर स्थिति में होंगे। एजेंडे के मुताबिक योजना सचिव सिंधुश्री खुल्लर उस नए संस्थान के काम-काज और रूप रेखा के बारे में प्रस्तुति देंगे जो आखिरकार मौजूदा योजना आयोग की जगह लेगा। प्रस्तुति के बाद मुख्यमंत्रियों से विशेषज्ञ, पूर्व सदस्य और आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं अन्य के साथ परामर्श के बाद तैयार अवधारणा पत्र में स्पष्ट विभिन्न बिंदुओं पर अपने विचार देने के लिए कहा जाएगा। माना जा रहा है कि नए संस्थान में आठ से 10 नियमित या कार्यकारी सदस्य हो सकते हैं जिनमें से आधे राज्यों के प्रतिनिधि होंगे। शेष सदस्य क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञ हो सकते हैं जिनमें पर्यावरणविद, वित्तीय विशेषज्ञ, इंजीनियर, वैज्ञानिक और विभिन्न क्षेत्रों में जाने-माने विद्वान शामिल होंगे।नई संस्था के प्रमुख प्रधानमंत्री होंगे जो कि पदेन इसके अध्यक्ष होंगे। माना जा रहा है कि नए संस्थान के कामकाज में निगरानी एवं आकलन, कार्यक्रम परियोजना और योजना आकलन, विभिन्न क्षेत्रों और अंतर-मंत्रालयीय विशेषज्ञता, मूल्यांकन और परियोजनाओं की निगरानी शामिल होगी।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए भाषण में योजना आयोग को समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके स्थान पर अधिक प्रासंगिक संस्थान की स्थापना की जाएगी। आयोग की स्थापना 1950 में ऐसे समय में हुई थी जब सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र को अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने का जिम्मा सौंपा था। दी ने कहा था हम बहुत जल्द योजना आयोग की जगह नए संस्थान की स्थापना करेंगे। देश के आंतरिक हालात बदले हैं, वैश्विक हालात बदले हैं, हमें ऐसे रचनात्मक सोच और युवाओं की क्षमता के लिए अधिकतम उपयोग करने वाले संस्थान की जरूरत है। इस घोषणा के बाद आयोग ने नए प्रस्तावित संस्थान की रूप रेखा पर चर्चा के लिए कई विशेषज्ञों के साथ बैठकें कीं। एजेंसी

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