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आज रंगपंचमी है, होली का समापन

लखनऊ। रंगपंचमी होली के पांचवें दिन मनाया जाता है और इसी के तहत मंगलवार को रंगपंचमी मनाया जा रहा है। इस दिन वातावरण में उड़ते हुए गुलाल व्यक्ति के सात्विक गुणों में अभिवृद्धि करते हैं और उसके तामसिक और राजसिक गुणों का नाश होता है। इस दिन परिजनों, सगे-सम्बन्धियों और रिष्तेदारों दोस्तों को ये मैसेज भेजकर रंगपंचमी की बधाई देकर उनकी खुषी दुगुनी की जा सकती है।
होली के पांच दिन बाद कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को इस पर्व को मनाने की परम्परा है। उत्तर एवं मध्य भारत में लोग उत्साह से इस दिन जुलूस निकालने के साथ पानी वाले रंग का इस्तेमाल करते हैं। रंगों का यह पर्व चैत्र मास की कृष्ण प्रतिपदा से लेकर पंचमी तक चलता है। इसलिए इसे रंगपंचमी कहा जाता है। एक प्रकार से इसे फाल्गुन पूर्णिमा से शुरू हुए होली पर्व का समापन पर्व भी मानते हैं। परिजनों को रंगपंचमी पर निम्न तरह के बधाई संदेष भेजे जा सकते हैं-
दूरियां दिल की मिटें, हर कहीं अनुराग हो,
न द्वेश हो न राग हो, ऐसा यहां फाग हो।
प्यार के रंगों से भरो पिचकारी,
स्नेह के रंगों से रंग दो दुनिया सारी।
पिचकारी की धार, गुलाल की बौछार,
अपनों का प्यार, यही है प्रियजनों, बंधुओं, रंगपंचमी का त्योहार।
रंगपंचमी जैसे इंद्रधनुष का प्यार, चारों तरफ है रंगों की बौछार।

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