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आतंकवाद नए साल में सबसे बड़ी चुनौती

Rajnath_singg_Fनई दिल्ली। गृह मंत्रालय नए साल में आतंकवाद से निपटने को सबसे बड़ी चुनौती मान रहा है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों व खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों से सुरक्षा के मसले पर बेहतर समन्वित रणनीति पर काम करने को कहा है। एक अधिकारी ने बताया कि निश्चित रूप से आतंकवाद हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। बीते साल में आईएस का प्रादुर्भाव और आईएम, सिमी, जमात जैसे संगठनों की सक्रियता के अलावा पूवरेत्तर राज्यों में उग्रवादी गुटों की गतिविधियां सरकार के लिए चिंता का सबब बनी हैं। आतंक के लिए साइबर क्षेत्र के प्रयोग ने भी सरकार की चिंताओं को बढ़ाया है। नए साल में सरकार इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए खास रणनीति और समन्वय के साथ काम करेगी। अधिकारी के मुताबिक नक्सल भी बड़ी समस्या बना हुआ है। वहीं सीमा पार से गोलीबारी को लेकर भी खास सतर्कता की जरूरत है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अगुवाई में सरकार इन सभी मोर्चो पर नई रणनीति की दिशा में काम कर रही है। सूत्रों ने कहा कि नए साल में निश्चित रूप से खुफिया नेटवर्क के स्तर पर आमूल रणनीतिक परिवर्तन देखेने के मिलेगा।
नए साल में सरकार का जोर खुफिया एजेंसियों के समन्वय को बढ़ाना और सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई के लिए सुरक्षा बलों को मुस्तैद करना होगा। पिछले कुछ महीनों में झारखंड सहित कुछ क्षेत्रों में खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई न करने की चूक को लेकर एजेंसियों के बीच मतभेद भी सामने आया था। असम की आतंकी वारदात की जानकारी तो पहले से केंद्र व राज्य दोनों स्तरों पर एजेंसियों को मिल गई थी। इसके बावजूद बेहतर योजना बनाकर घटना को नहीं रोका जा सका। सरकार मान रही है कि छोटी सी छोटी सूचनाओं को भी पूरी सतर्कता के साथ तवज्जो देने की रणनीति को चुनौती की तरह लेना होगा। 

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