आर्थिक सर्वे, जानें-कुछ मुख्य बातें
बजट सत्र 29 फरवरी यानी आज से शुरू हो रहा है। सत्र के पहले ही दिनलोकसभा एवं राज्यसभा में आर्थिक सर्वे पेश होगा। प्रेजिडेंट रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ 2018 के बजट सत्र की शुरुआत होगी। वह संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। इसके बाद आर्थिक सर्वे पेश करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्रालय की ओर से सरकार के साल भर के कामकाज का लेखाजोखा पेश किया जाता है, जिसे आर्थिक सर्वे के नाम से जाना जाता है। यह दोनों सदनों में पेश होता है। सर्वे में बीते एक साल में सरकार की ओर से उठाए गए मुख्य कदमों की समीक्षा पेश की जाती है। इसके अलावा सरकार के नीतिगत फैसलों की भी जानकारी इसमें शामिल होती है।
इकॉनमिक सर्वे में नोटबंदी और जीएसटी के प्रभावों की भी जानकारी दी जा सकती है। गौरतलब है कि अरुण जेटली फाइनैंशल इयर 2018-19 का आम बजट 1 फरवरी को पेश करने वाले हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से यह पहला और 2019 आम चुनाव से पहले यह सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा।
जानें, क्या होता है इकॉनमिक सर्वे
यह अर्थव्यवस्था पर सालाना रिपोर्ट कार्ड है, जिसे चीफ इकनॉमिक अडवाइजर पेश करते हैं। इस भारी-भरकम दस्तावेज में साल भर की अहम इकनॉमिक, फाइनैंशल और सोशल स्कीम्स का ऐनालिसिस होता है। धीरे-धीरे इसमें कई और सेक्टरों को जोड़ा गया और यह ज्यादा से ज्यादा ऐनालिटिकल होता चला गया। साल 2004-05 में यह सर्वे 362 पेज का था। 2010-11 में यह बढ़कर 459 पेज का दस्तावेज बन गया। पिछले साल इसमें महंगाई, फाइनैंशल सर्विसस पर अलग से चैप्टर दिया गया था, जिससे आर्थिक बहस में इन विषयों की अहमियत पता चलती है।