डेरा हिंसा की चपेट में आने की वजह से उत्तर भारत में हालात बिगड़े हुए हैं। दिल्ली-एनसीआर में धारा-144 लगी हुई है, जबकि रोहतक में आर्मी को स्टैंडबॉय पर रखा गया है। चौंका देने वाली बात है कि आर्मी 2010 में ही ये चेतावनी दे चुकी थी कि डेरा में हरियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। हालांकि, जब ये विवाद उठा तो पुलिस यहां जांच के लिए पहुंची, लेकिन यहां ऐसा कुछ संदिग्ध नहीं पाया गया।
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टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस कथित ट्रेनिंग कैंप में एक एक्स सर्विसमेन को हथियार चलाने की ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था, साथ ही आर्मी को डेरा से दूर रहने की हिदायत भी दी गई थी। ये मामला एक बार उस वक्त उठा था जब साल 2014 में संत रामपाल के आश्रम में समर्थक हरियारों के साथ बैठे हुए थे।
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रामपाल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आश्रम में हथियारों की पूरा जत्था बरामद किया था। ऐसा माना जाता है कि इस विरोध-प्रदर्शन में 6 लोगों की मौत हुई थी। 2015 में डेरा एक बार फिर सवालों में आया, लेकिन हरियाणा सरकार ने आश्रम को क्लीन चिट दे दी।
बता दें कि डेरा में हथियारों की ट्रेनिंग का मामला इसलिए गरमाया हुआ है, क्योंकि डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद समर्थकों ने हिंसा का अंजाम दे डाला। इसमें करीब 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से ज्यादा घायल हो गए।