समायोजन रद्द हो जाने से शिक्षामित्र यूपी भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को कई जगह उन्होंने बवाल किया, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस की कार्रवाई में प्रदर्शन कर रहे कई शिक्षामित्र घायल हो गए। गोरखपुर में शिक्षामित्रों ने रोडवेज बस और निजी वाहनों में तोड़फोड की। दरोगा को पीटा और राहगीरों से मारपीट की।
पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज कर दिया और दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इनके उग्र प्रदर्शन के कारण पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। लाठीचार्ज में कई शिक्षामित्रों के सिर फट गए। कई की हालत गंभीर है। 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है। शाम को उन्हें मुचलके पर छोड़ दिया गया।
लखनऊ, वाराणसी, मुरादाबाद, मैनपुरी, बरेली, बदायूं, मेरठ, सहारनपुर, बागपत, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और झांसी समेत प्रदेशभर में शिक्षामित्रों ने कहीं जाम लगाकर तो कहीं बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। (सीतापुर में सड़क पर लेट कर दर्ज कराया विरोध।)
सीतापुर में समायोजन रद होने से नाराज शिक्षामित्र गुरुवार को उग्र हो गए। नाराज प्रदर्शनकारी शिक्षामित्रों ने शहर के महाराणा प्रताप चौक के निकट लखनऊ-शाहजहांपुर हाईवे जाम कर दिया। इससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। उधर, जाम खुलवाने पहुंची पुलिस ने लाठियां फटकार उन्हें हटाया तो आपाधापी में तीन शिक्षामित्र घायल हो गए। इस पर साथी प्रदर्शनकारी बिफर गए और आक्रोशित लोगों ने पुलिस को निशाना बनाते हुए पथराव कर दिया। करीब आधे घंटे तक पथराव हुआ। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उन्हें शांत कराया लेकिन प्रदर्शनकारी अपने घायल साथियों को लेकर फिर से हाईवे पर धरने पर बैठ गए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए।
हाईवे पर आने वाले वाहनों को डायवर्ट कर किसी तरह निकाला गया। पथराव में कई पुलिस कर्मी भी चोटिल हो गए। करीब दो घंटे तक आपाधापी की स्थिति रही। समायोजन रद होने से नाराज जिले भर के शिक्षामित्र गुरुवार सुबह से ही जीआईसी व लोहारबाग पार्क में एकत्र होने लगे थे। करीब 12 बजे लोहारबाग से शिक्षामित्र जुलूस की शक्ल में जीआईसी मैदान पहुंचे। यहां महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद डीएम को ज्ञापन देने की बात कही और जुलूस की शक्ल में प्रदर्शनकारी कांशीराम कॉलोनी स्थित पार्क पहुंच गए। इसी बीच कुछ शिक्षामित्रों ने हाईवे पर जाम लगा दिया।
पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। इस पर पुलिस अधिकारियों ने जाम खुलवाने के लिए लाठियां फटकारी तो धक्कामुक्की में धरने पर बैठीं शिक्षामित्र मंजू देवी, अर्चना व नीलम घायल हो गईं। इससे साथी शिक्षामित्र आक्रोशित हो गए और इन लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पथराव में कई महिला शिक्षामित्र भी शामिल रहीं। कई वाहनों को भी निशाना बनाया गया। किसी तरह पुलिस अधिकारियों ने उन्हें शांत कराया। (सुल्तानपुर में प्रदर्शन रोकने के लिए फोर्स तैनात करनी पड़ी।)
गोंडा में गुस्से व गम के साथ सिर पर कफन लपेटकर हजारों की संख्या में शिक्षामित्र सड़क पर उतर आए और गांधी पार्क से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला। अंबेडकर चौराहे पर शिक्षामित्र सड़क पर लेट गए और मार्ग जाम कर दिया। सरकार की चुप्पी से नाराज शिक्षामित्रों ने मोदी व योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और शुक्रवार से सभी प्राथमिक स्कूलों को बंद कराने का एलान करते हुए एसडीएम व बीएसए को ज्ञापन सौंपा और समायोजन को बहाल कराने की मांग की।
जिले के 1950 शिक्षामित्र दो चरणों में समायोजित होकर सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहे थे। दो दिन पहले शीर्ष अदालत ने इनके समायोजन को निरस्त कर दिया। इस फैसले के बाद बुधवार से ही शिक्षामित्र बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। शिक्षामित्रों को प्रदेश सरकार से राहत की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है। प्रदेश सरकार की इस चुप्पी से शिक्षामित्रों की नाराजगी बढ़ने लगी है। प्रदेश सरकार के रुख के खिलाफ गुरुवार को हजारों की संख्या में शिक्षामित्र नगर के गांधी पार्क में इकट्ठा हुए और गांधी पार्क से लेकर कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला। मार्च में शामिल सभी महिला व पुरुष शिक्षामित्रों ने अपने सिर पर कफन लपेट रखा था। मार्च कर रहे शिक्षामित्र अंबेडकर चौराहे पर सड़क पर लेट गए और सड़क जाम करने प्रयास किया हालांकि क्षेत्राधिकारी सदर के समझाने के बाद वह आगे बढ़ गए।
रामपुर में अंबेडकरपार्क व सिविल लाइंस में भीख मांगकर विरोध जताते शिक्षामित्र।
मथुरा में ऊर्जामंत्री के आवास पर धरना देते हुए बेहोश हो गई शिक्षामित्र।