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इन 5 कारणों से फ्रांस की टीम बन सकती है फीफा विश्व कप 2018 की चैंपियन

युवाओ से भरी फ्रांस की टीम का सामना जब अनुभवी और उलटफेर करने वाली क्रोएशिया से होगा तो पूरी दुनिया मानो थम सी जाएगी। मौका होगा फीफा विश्व कप 208 के फाइनल का। रविवार रात 8:30 बजे खेले जाने वाले इस महा मुकाबले से पहले जानिए आखिर क्यों फ्रांंस का पलड़ा भारी है।

फ्रांस की ताकत उसके मिडफील्ड में ही बसती है। फ्रांस आमतौर पर 4-2-3-1 के फॉर्मेशन में खेलता है। पॉल पोग्बा और एनगोलो कान्ते की मौजूदगी में मिडफील्ड में ही दोनों टीमों के बीच असल मुकाबला होगा। 

टीम का डिफेंस भी क्रोएशिया के मुकाबले ज्यादा मजबूत है। इसकी वजह ये है कि वो आमतौर पर चार डिफेंडरों के साथ खेल की शुरुआत करते हैं। टीम के पास राफेल वरान और सैमुअल उम्टीटी जैसे डिफेंडर हैं जिनसे पार पाना क्रोएशिया के लिए आसान नहीं होगा।

ग्रुप दौर के बाद से टीम की मिडफील्ड और अग्रिम पंक्ति जबरदस्त फॉर्म में हैं। म्बाप्पे और ग्रीजमैन ने जबरदस्त ताकत दिखाई  है। हालांकि, ओलिवर जिरू पर अंगुलियां उठ रही हैं, लेकिन उन्होंने भी गोल करने में सहायता की है।

सभी खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह निभा रहे हैं, लेकिन मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए खेलने वाले पॉल पोग्बा अब तक उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक गोल किया था।

कोच – डिडिएर डेशचैंप – लगातार दूसरे विश्व कप में फ्रांस के कोच हैं। 1998 में विश्व विजेता बनी टीम के कप्तान रह चुके हैं। विश्व कप में बतौर कोच यह उनका रिकॉर्ड 11 मैच होगा। ज्यादा नहीं चलने के बावजूद वह पोग्बा पर भरोसा दिखा रहे हैं।

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