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इशरत केस पर सोनिया ने किया चिदंबरम का समर्थन | ‘सत्ता में थे इसलिए निशाना बना रहे हैं’

ishrat_650x400_41455169304एजेंसी/इशरत जहां मामले पर सोनिया गांधी ने कहा, चिदंबरम ने पहले ही कहा है कि हम पर इसलिए निशाना साधा जा रहा है, क्योंकि हम सत्ता में थे।
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
  1. संसद में आज भी हंगामा जारी है। वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कीर्ति चिदंबरम पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और इशरत जहां मामले को लेकर दोनों सदनों में हंगामे के चलते कार्यवाही में बाधा आ रही है। AIADMK के सांसदों ने राज्यसभा में वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कीर्ति का मामला उठाया और नारेबाजी शुरु कर दी, जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
  2. वेंकैया नायडू ने कहा कि इशरत जहां से जुड़ा बहुत ही गंभीर मुद्दा सामने आया है। पहले लश्कर की वेबसाइट, फिर डेविड हेडली का बयान और अब पूर्व गृह सचिव का हैरतअंगेज खुलासा कि राजनीतिक स्तर पर हलफनामें में बदलाव किया गया। सच अब सामने आ गया है। मुझे लगता है कि संसद में इस पर बहस होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए।
  3. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं था। ये देश के हित का मुद्दा था कि आतंकवादियों से हमसब मिलकर लड़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने जो किया है वह राष्ट्रविरोधी है। इस मामले में पूरी जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा होनी चाहिए।  
  4. इशरत मामले पर बीजेपी के भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया है। यह नोटिस इशरत केस में नई जानकारियों पर दिया गया है।
  5. उस समय मुंबई के ज्वाइंट कमिश्नर रहे सत्यपाल ने बताया कि हेडली ने साफ बताया था कि इशरत लश्कर की आतंकी है। जब मैंने एनआईए और भारत सरकार से इस स्टेटमेंट को मांगा तो गृहमंत्रालय की ओर से साफ किया गया कि अमेरिका से करार है, हेडली का बयान किसी को नहीं देना है।
  6. गौरतलब है कि इशरत जहां केस में एफिडेविट बदलने के मामले में पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम बीजेपी के निशाने पर हैं। पहले पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई और अब गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रटरी रहे आरवीएस मणि का बयान सामने आया है। मणि ही वह अधिकारी हैं, जिन्होनें बतौर आंतरिक सुरक्षा सचिव रहते हुए अगस्त 2009 में इशरत जहां के एनकाउंटर के मामले में अदालत में पहला हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें साफतौर पर कहा गया था कि इशरत जहां और उसके साथी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे, लेकिन बाद में इस हलफनामे को बदल दिया गया, जिस पर मणि के साइन जरूर हैं, लेकिन मणि का दावा है कि उन्हें ऊपर से साइन करने को कहा गया।  इस हलफनामे में इशरत के आतंकी होने की बात हटा ली गई थी।
  7. उस वक्त गृहसचिव रहे जीके पिल्लई ने एक इंटरव्यू में तब के गृह मंत्री चिदंबरम पर खुद हलफनामा बदलने का आरोप लगाया था। दो बड़े अधिकारियों के बयान सामने आने के बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर सवालों की झड़ी लगा दी। प्रसाद ने कहा कि क्या कांग्रेस की नीयत साफ है कि वह नरेंद्र मोदी और अमित शाह को फंसाने के लिए ऐसा सब कर रही थी। उन्होंने पूछा कि चिदंबरम बताएं कि किसके कहने पर उन्होंने हलफनामे में बदलाव किए। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर देश की सुरक्षा के साथ सौदा करने का भी आरोप लगाया।

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