अजब-गजबअन्तर्राष्ट्रीयफीचर्ड

इस्पात और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगाने के लिए चीन ने की अमेरिका की निंदा


बीजिंग : अमेरिका द्वारा इस्पात, एल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगाने की भर्त्सना करते हुए चीन ने शुक्रवार को कहा कि इस तरह के कदमों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिवेश को गंभीर नुकसान होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस्पात आयात पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने के आदेश पर गुरुवार को हस्ताक्षर कर दिए। ऐसा करते हुए उन्होंने दशकों पुराने और बहुत कम इस्तेमाल में लाए गए अमेरिकी व्यापार कानून के राष्ट्रीय सुरक्षा अनुच्छेद का इस्तेमाल किया है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी वक्तव्य में कहा गया है कि चीन अमेरिकी फैसले का कड़ा विरोध करता है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इस तरह के कदम उठाने से सामान्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली पर गंभीर असर होगा। अमेरिका के इस कदम से उसके प्रमुख व्यापारिक भागीदार यूरोपीय संघ, ब्राजील, जापान, चीन से विरोध के स्वर सुनाई दिए हैं। चीन और दूसरी आर्थिक शक्तियों की तरफ से इसके खिलाफ कदम उठाए जाने की आशंका है। ब्रिटेन ने भी व्यापार मुद्दों को सुलझाने के लिए अमेरिका के इस कदम को गलत तरीका करार दिया है। यूरोपीय संघ के शीर्ष व्यापारिक अधिकारियों ने इस पर जोर देते हुए कहा कि ब्रुसेल्स इस बारे में वाशिंगटन से तुरंत स्पष्टीकरण चाहेगा। यूरोपीय संघ व्यापार आयुक्त सेसिलिया माल्मस्ट्रोएम ने ट्वीटर पर लिखा है कि यूरोपीय संघ अमेरिका का करीबी व्यापार भागीदार है, इसलिए हमारा मानना है कि उसे इन उपायों से मुक्त रखा जाना चाहिए।

हालांकि, ब्रुसेल्स ने इस्पात और एल्यूमीनियम आयात पर अमेरिका में शुल्क लगाए जाने के जवाब में प्रमुख अमेरिकी उत्पादों की सूची तैयार कर ली है जिन पर वह जवाबी शुल्क लगा सकता है। यूरोपीय संघ का मानना है कि यदि अमेरिकी शुल्क से उसका निर्यात प्रभावित होता है तो वह भी जवाबी कदम उठाएगा। उधर, ब्रिटेन के व्यापार मंत्री लियाम फाक्स ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की इस्पात, एल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगाने संबंधी घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि व्यापार विवादों को सुलझाने का यह गलत तरीका है। वहीँ जापान ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क पर खेद जताया है और कहा है इसके गंभीर प्रभाव होंगे। उसने कहा है कि इस्पात और एल्युमीनियम पर भारी आयात शुल्क लगाए जाने से दोनों के बीच व्यापार संबंधों पर बुरा असर होगा। जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने अमेरिका के इस कदम को खेदजनक बताते हुए कहा, इन उपायों का जापान और अमेरिका के आर्थिक संबंधों पर गंभीर प्रभाव होगा। साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था भी इससे प्रभावित होगी। यूरोपीय संघ ने कहा है कि अमेरिका को उसे इस शुल्क से अलग रखना चाहिए।

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