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इस दवा की कुछ बूंदें खत्म कर देगी मोतियाबिंद की बीमारी

दस्तक टाइम्स/एजेंसी: 94184-eyesवाशिंगटन : वैज्ञानिकों ने एक नये रसायन की खोज की है जिसे आई ड्रॉप में मिलाकर लेने से मोतियाबिंद से निजात पाया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वैसे तो ऑपरेशन से मोतियाबिंद आसानी से हटाया जा सकता है, लेकिन यह खर्चीला इलाज है। इसके अलावा विकासशील देशों में मोतियाबिंद के चलते अंधे होने की घटना अच्छी खासी है और उनका इलाज नहीं होता।

 यूनिवर्सिटी ऑफ मिशीगन के सेंटर फॉर केमिकल जीनोमिक्स में वैज्ञानिकों ने हाई-थ्रोपुट डिफ्रेंशियल स्कैनिंग फ्लोरोमीटरी की पद्धति का इस्तेमाल करते हुए मोतियाबिंद का सबब बनने वाले एमिलायड के लिए 12 यौगिकों की खोज की है जो स्टेरोल्स नामक एक रासायनिक वर्ग के सदस्य हैं।

उनमें से एक लैनोस्टेरोल में मोतियाबिंद को उलटने का गुण पाया गया। इसकी घुलनशीलता बहुत कम है। इसलिए इसे आंख में इंजेक्शन से डालना पड़ रहा है। जेसन गेस्टवीकी और उनके समूह ने 32 अतिरिक्त स्टेरोल के परीक्षण किए और आखिर कार ‘कंपाउंड 29’ को उपयुक्त पाया जो पर्याप्त रूप से घुलनशील है और उसका उपयोग मोतियाबिंद घुलाने वाले आई ड्रॉप में किया जा सकता है।

प्रयोगशाला के परीक्षण में पाया गया कि यह रसायन क्रिस्टालिन्स को स्थिर करने और एमिलायड्स बनाने से रोकने में प्रभावी है। उन्होंने पाया कि कंपाउंड 29 ने पहले से बने एमिलायड्स को घुला दिया है।

 

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