उत्तराखंड

उत्तराखंड पुलिस में फिर उबला ‘मिशन आक्रोश’, DGP पर हमला

acr468-567ed59ca2474Police1 cpyउत्तराखंड पुलिस में ‘मिशन आक्रोश’ का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। इस बार पुलिसकर्मियों ने सीधे डीजीपी बीएस सिद्धू पर हमला बोला है। सोशल नेटवर्किंग साइट पर की गई पोस्ट से पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। ज्वालापुर कोतवाली में इस संबंध में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

वर्ष 2007 से पहले के भर्ती पुलिस कर्मचारियों ने वेतन विसंगति एवं एरियर के भुगतान को लेकर पिछले वर्ष अगस्त में मिशन आक्रोश की नींव रखी थी। इसमें कई पुलिसकर्मी बर्खास्त और निलंबित तक हुए थे।

उसके बाद प्रदेश के डीजीपी बीएस सिद्धू ने मीडिया में बयान दिया था कि यदि वे 31 दिसंबर तक वेतन विसंगति दूर नहीं करा पाए तो इस्तीफा दे देंगे। अब 31 दिसंबर गुजरने के बाद मिशन आक्रोश की सुगबुगाहट फिर शुरू हो गई है।

फेसबुक पर उत्तराखंड पुलिस के नाम से बने एकाउंट पर तीन जनवरी को एक पोस्ट डालने की बात सामने आई है। इसमें लिखा था कि ‘31 दिसंबर को गुजरे कई दिन हो गए हैं, लेकिन डीजीपी ने वादा पूरा नहीं किया। अब सातवें वेतनमान की सिफारिश भी जल्द लागू हो सकती हैं, ऐसे में उनका क्या होगा’।

इस पोस्ट के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। आननफानन में ज्वालापुर कोतवाली के एसएसआई कमल मोहन भंडारी की ओर से अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

एसपी सिटी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पोस्ट कहां से अपलोड की गई है, उस यूजर को चिह्नित किया जा रहा है।पोस्ट में यह भी लिखा है कि ‘किसी की कुर्बानी काम आएगी। हमने अपने साथियों को पृथक यानी अलग होते हुए देखा है। उनकी कुर्बानी बेवजह ही नहीं थी’। गौरतलब है कि पिछले वर्ष मिशन आक्रोश की जद में आए कई पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त हुई थी। कई को निलंबन झेलना पड़ा था।

बोले डीजीपी
पे-स्केल की मांग पूरी कर कर दी गई थी और इस आशय का आदेश भी जारी हो चुका है। अब एरियर ही मिलना बाकी है, मुख्यमंत्री राज्य स्थापना दिवस के अवसर एरियर भुगतान की घोषणा कर चुके हैं, यह मामला शासन में विचाराधीन है। असल मांग तो पूरी हो ही चुकी है। अब यदि कोई अनुशासनहीनता करेगा तो कानून भी अपना काम करेगा।

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