उदासी वाले हॉर्मोंस को नियंत्रित करता है चंदन, मिलती है शांति
जीवनशैली : चंदन का पौधा जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे ही इसके तने और जड़ों में सुगन्धित तेल का अंश बढ़ता है। चंदन के तेल का उपयोग कई हर्बल दवाइयों में होता है। एक स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है कि इसकी खूशबू से डिप्रेशन और तनाव वाले हॉर्मोंस भी नियंत्रित रहते हैं। धार्मिक तौर पर देखा जाए तो जब हम चन्दन भगवान को अर्पण करते हैं तो उसका भाव यह है कि हमारा जीवन भगवान की कृपा से सुगंध से भर जाए और हमारा व्यवहार शीतल रहे। चन्दन का तिलक ललाट पर या छोटी सी बिंदी के रूप में दोनों भौहों के बीच लगाया जाता है।
सनातन धर्म में चन्दन का तिलक लगाना शुभ माना जाता है, इसका धार्मिक और औषधीय महत्व भी है। चंदन के तेल की खुशबू से तनाव दूर होता है इससे दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे हमारी उदासी कम होती है। चंदन कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है। इसका तिलक लगाने से सिरदर्द की समस्या से भी राहत मिलती है।
चंदन का तिलक लगाने और इसकी खूशबू से शांति व सुकून महसूस होता है। चंदन के तिलक से ही कोई शुभ कार्य शुरू होता है। भारतीय संस्कृति का निर्देश है कि पहले किसी भी व्यक्ति को चंदन का तिलक लगाकर सम्मानित करो और उसके बाद कोई काम करो। ऋषियों ने छोटे से चंदन के तिलक में जीवन के बड़े सारे सूत्र बताएं हैं। चंदन लगाने से मन शांत और शीतल रहता है। जिससे जीवन में सुख शांति बनी रहती है। इसको लगाने से मन में बुरे विचार नहीं आते हैं।
चंदन पवित्रता का अहसास करवाता है। इसलिए चंदन का तिलक लगाने से कभी गलत काम नहीं होते। सरल भाषा में चंदन के इन गुणों को समझदारी, ईमानदारी और जिम्मेदारी कहा जाता है। चन्दन का तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध रहती है। गर्मी के दिनों में चंदन लगाने से मेधाशक्ति बढ़ती है तथा मानसिक थकावट विकार नहीं होता। त्वचा पर लाल चन्दन का प्रयोग करें तो इसके आराम और सुकून प्रदान करने वाले गुण आपको सूरज के झुलसाने वाले प्रभाव से दूर रखेंगे। इसके अलावा भी चंदन के कई बेहतरीन गुण हैं, जो जीवन के लिए अति उपयोगी है।