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उन्नाव रेप केस: सुप्रीम कोर्ट सख्त, 1 घंटे में मांगी CBI से रिपोर्ट

उन्नाव रेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले के सारे केस उत्तर प्रदेश के बाहर ट्रांसफर होंगे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. ये रिपोर्ट आज दोपहर 12 बजे तक मांगी गई है.

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सीबीआई के जांच अधिकारी लखनऊ में हैं. स्टेटस रिपोर्ट 12 से पहले पेश नहीं किया जा सकेगा. अगर अधिकारी फ्लाइट से भी आते हैं तो वह 12 बजे तक नहीं पहुंच पाएंगे.

इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि फोन पर स्टेटस रिपोर्ट लें और सीबीआई किसी अधिकारी को कोर्ट में पेश होने के लिए प्रतिनियुक्त करे.

क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट आज(गुरुवार) पीड़िता की मां की चिट्ठी पर सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट यह जानने की कोशिश कर रहा है कि 17 जुलाई को मिली चिट्ठी कोर्ट के संज्ञान में देरी से क्यों लाई गई. कोर्ट में यूपी सरकार ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी पेश करेगी.

रेप पीड़िता की मां की चिट्ठी का संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट मांगी है कि चिट्ठी 17 जुलाई को ही मिल गई थी तो इसे मंगलवार शाम चार बजे से पहले सुनवाई के लिए क्यों नहीं रखा गया?

चिट्ठी में क्या है?

इस चिट्ठी में चीफ जस्टिस से ये शिकायत की गई थी कि रेप पीड़िता और उसके परिवार को बीजेपी नेता समेत तमाम आरोपी धमका रहे हैं.

ये चिट्ठी 12 जुलाई को लिखी गई थी. इसके ठीक एक हफ्ते बाद ट्रक की टक्कर में पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गया जबकि केस की गवाह चाची और मौसी की मौत हो गई.

चिट्ठी लिखने के बाद बढ़ा मामला

रायबरेली में रविवार को हुए हादसे के बाद जब उन्नाव का राष्ट्रीय फलक पर आ गया. जिसके बाद पीड़ित परिवार से चिट्ठी लिखे जाने की बात सामने आई. इस चिट्ठी को लेकर मुख्य न्यायाधीश ने अदालत में बेहद तल्ख टिप्पणी की.

जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा- मैंने अखबारों में पढ़ा कि उन्नाव की पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी है. मुझे इसके बारे में सूचित किया गया था. मैंने अब तक चिट्ठी नहीं देखी है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट से लगता है कि चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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