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एक झटके में बदल गई इन दो बच्चों की जिंदगी

kolkata_landscape_1459584078एजेन्सी/पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित गणेश टाकीज के पास गिरे फ्लाइओवर ने कई परिवारों की जिंदगी खराब कर दी। लेकिन मौत और दहशत के मंजर के बीच एक और दर्दनाक हालात सामने आए हैं। हालात दो ऐसे बेटों की है जिन्होंने कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया।

अखिलेश की उम्र 16 साल है और सुल्तान अभी 46 दिन पहले इस दुनिया में आया है। अखिलेश का धर्म हिन्दू है तो वहीं सुल्तान मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखता है। सुल्तान पश्चिम बंगाल के ही 24 परगना जिले का रहने वाला है और अखिलेश बिहार के बग्सोती गांव का। कल तक दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अंजान थे लेकिन इस हादसे ने उन्हें एक जैसा बना दिया। दोनों के पिता ड्राइवर थे। उनकी मौत इस हादसे में हो गई। सुल्तान के पिता को एकबालपुर में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। अखिलेश और सुल्तान ने ये शहर अजनबियों की तरह ये शहर छोड़ दिया।

दोनों की जिन्दगी में बीता शुक्रवार काले दिन तरह आया। सुल्तान के पिता पहली बार कोलकाता आए थे। कोलकाता सुल्तान के पिता के लिए सपनों का शहर था लेकिन शुक्रवार को वो दिन उनके लिए दुस्वप्न में तब्दील हो गया। सुल्तान की मां रेहाना बीवी ने कहा कि ‘उसके पति मोहम्मद रमजानी सोमवार को कोलकाता आ गए थे और उससे पहले उन्होंने अपने बच्चे का नाम भी रख दिया था। वो शनिवार को घर लौटने वाले थे। लेकिन आज मैं उनका शरीर लेने आईं हूं।’ 

वहीं अखिलेश अपने पिता सोनिया यादव का शरीर लेने के लिए अपनी मां को साथ नहीं लाए। वो अपने गांव से 8 लोगों के साथ 10 घंटे की यात्रा करके कोलकाता आया। अपने पिता का शरीर देख कर अखिलेश का गला भर्रा गया और उसने कहा कि ‘दो महीने पहले बाबा घर थे, और आज मैं यहां…!’

सुल्तान के पास अब उसके पिता की कोई याद नहीं है। उनके कब्र की भी नहीं। जब 100 हाथ उसके पिता के लिए आखिरी दुआ कर रहे थे तो उसकी मां रेहाना अपने हाथ की टूटी हुई चूड़ियां देखते हुए, पति की तस्वीर हाथ में लेकर अपने बच्चे से वादा कर रही थी कि वो बताएगी कि उसके पिता उन्हें कितना प्यार करते थे।

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