अद्धयात्मफीचर्ड

एक भक्त ने सोमनाथ मंदिर में दान किया सौ किलो सोना

Gold bars and gold coins are arranged for a photograph at the YLG Bullion International Co. headquarters in Bangkok, Thailand, on Thursday, Aug. 8, 2013. Gold climbed to the highest level in three weeks on signs of increased physical and investment demand as the dollar weakened. Photographer: Dario Pignatelli/Bloomberg via Getty Images

एंजेंसी/ अहमदाबाद। गुजरात में सोमनाथ महादेव मंदिर का स्वर्णिम गौरव लौट आया है। मुंबई के एक भक्त परिवार ने इस मंदिर को 100 किलो सोना चढ़ाया है। यह सोना उसने तीन साल में मंदिर को दान किया है।

इसी के साथ देश के प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण जड़ित करने का काम अक्षय तृतीया के दिन पूर्ण हो गया। श्री सोमनाथ ट्रस्ट ने सोमवार को बयान में कहा कि सोमनाथ के लिए स्वर्णिम युग लौट आया है।

मुंबई के विसनदास होलाराम लखी परिवार ने तीन साल पहले सोमनाथ महादेव मंदिर को 100 किलो सोना दान करने का संकल्प लिया था। इससे पहले दो चरणों में उन्होंने 60 किलो सोना दान किया था। बाकी का 40 किलो सोना अब दान किया है।

सोने का यह हुआ उपयोग

  • पहले चरण में गर्भगृह, थालू, नाग, दीवारें स्वर्ण जड़ित की गईं।
  • दूसरे चरण में ध्वज दंड, डमरू, त्रिशूल, शिखर आदि को सोने से जड़ा गया।
  • तीसरे चरण में बाकी दीवारें, स्तंभ सोने से जड़े गए। शिव मुकुट और जेवरात सोने के बनाए गए। मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे स्वर्ण जड़ित किए गए। इसमें 40.270 ग्राम सोने का उपयोग हुआ।

दिल्ली में हुआ सोने का काम सोने का सारा काम दिल्ली में महालक्ष्मी ज्वेलर्स के यहां हुआ। रविवार शाम मंदिर में संकल्प विधि पूजा संपन्न हुई। इसमें दानदाता दिलीपभाई लखी, भिखूभाई धमेलिया और अन्य अतिथियों ने हिस्सा लिया। सोमवार सुबह आम जनता के लिए सोने के दरवाजे खोल दिए गए। यह था इतिहास कहा जाता है कि सदियों पहले सोमनाथ महादेव मंदिर पूरे सोने का बना था। मगर कई बार इस मंदिर को लुटेरों ने लूट लिया।

बाद में यह मंदिर मात्र पत्थर का रह गया। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इसका पुनर्निर्माण करवाया। 1995 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। ये हैं सबसे बड़े स्वर्णदानी -3 जून, 2007 को चंडीगढ़ के उद्योगपति बलबीर सिंह उप्पल ने तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम को भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के लिए डेढ़ करोड़ रुपये का सोना दान किया था।

सोने के रूप में इस मंदिर को यह किसी एक भक्त द्वारा दिया गया सबसे बड़ा दान है। 12 जून, 2009 को कर्नाटक के तत्कालीन पर्यटन मंत्री व खनन माफिया जी. जनार्दन रेड्डी ने तिरुपति मंदिर को हीरे और रत्न जड़ित मुकुट दान किया। 31 किलो वजनी इस मुकुट की उस समय कीमत 45 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 13 फरवरी, 2016 को इसी मंदिर में कोयंबटूर के दंपती बालामुरगन और पूर्णिमा ने एक करोड़ रुपये का हीरा-रत्न जड़ित मुकुट दान किया था।

 
 

 

Related Articles

Back to top button