एक ही परिवार के 25 लोगों में 15 को हेपेटाइटिस बी
भोपाल: परिवार या परिचितों में किसी एक को हेपेटाइटिस बी या सी निकलता है तो पैर के नीचे से जमीन खिसक जाती है। वजह, दोनों बीमारियां जानलेवा हैं। इनका इलाज भी है, लेकिन इतना महंगा होने के चलते गरीब मरीज इलाज नहीं करा पाते। सोचिए, एक ही परिवार के 25 लोगों में 15 को हेपेटाइटिस बी हो तो उनका क्या हाल होगा। राजधानी व आसपास के जिलों में ऐसे कई परिवार हैं, जिसमें आधे या उससे ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में है।
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भोपाल के गैस्ट्रोएंटोलॉजिस्ट डॉ. आरके जैन ने बताया कि उनके यहां इलाज करा रहे एक परिवार में चार लोग हैं। पति, पत्नी और दो बच्चे। चारों हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं। सभी का इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया हेपेटाइटिस बी का वायरस काफी संक्रामक होता है। यही वजह है कि एक ही परिवार के कई लोग संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं।
उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस बी व सी की दवाएं काफी सस्ती हो गई हैं। हेपेटाइटिस सी की दवा करीब तीन महीने खाने से यह बीमारी ठीक हो जाती है। इलाज पर करीब 25 हजार रुपए खर्च है, जबकि तीन-चार साल पहले तक लाखों रुपए खर्च लगता था।
सरकारी अस्पतालों में इलाज के इंतजाम नहीं
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पिछले साल हुए करीब 4 लाख यूनिट रक्तदान में .9 फीसदी लोग हेपेटाइटिस बी की चपेट में पाए गए हैं। यह बड़ा आंकड़ा है। इसके बाद भी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस बी व सी के इलाज की दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। यहां तक की गरीबी रेखा के नीचे के मरीजों के लिए राज्य बीमारी सहायता निधि के तहत चिन्हित 21 बीमारियों में स्वाइन फ्लू शामिल नहीं है।
यह सही है कि एक ही परिवार के कई लोग हो हेपेटाइटिस बी की चपेट में हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि परिवार में किसी के भी संक्रमित होने की पुष्टि हो तो अन्य सदस्यों को समय-समय पर हेपेटाइटिस बी व सी की जांच करानी चाहिए। डॉ. संजय कुमार, गैस्ट्रोएंटोलॉजिस्ट
हेपेटाइटिस बी व सी के लक्षण
– भूख कम लगना
-ऑखें पीली होना
-पेशाब पीली होना
-सिरदर्द, थकान
– उल्टी होना
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हेपेटाइटिस बी व सी संक्रमण की वजह
– हेपेटाइटिस बी संक्रमित ब्लड के संपर्क में आने से
– यौन संबंध से
– संक्रमित निडिल व ब्लेड से
-टूथ ब्रश शेयर करने से
– संक्रमित मां से बच्चे को
हेपेटाइटिस बी व सी से बचाव
– हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं
– ब्लड अधिकृत ब्लड बैंक से ही लें
– हेपेटाइटिस जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टरों की सलाह लें