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एथलीट प्रियंका गोस्वामी ने ओलंपिक में पदक जीते तो रेलवे करेगा मालामाल, देगा आउट ऑफ टर्न प्रमोशन

बरेली: टोक्यो ओलंपिक में पदक के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में लिपिक पद पर कार्यरत प्रियंका गोस्वामी पर सभी की नजरें टिकी हुई है। यदि प्रियंका ओलंपिक में पदक जीतती हैं तो प्रदेश सरकार ही नहीं रेलवे भी उन्हें मालामाल करेगा। स्वर्ण पदक जीतने पर तीन, रजत पर दो और कांस्य पदक जीतने पर एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। जबकि प्रदेश सरकार ने ओलंपिक में गए प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए स्वर्ण पदक पर छह करोड़, रजत पर तीन व कांस्य पदक पर दो करोड़ रुपये देने की बात कही है।

ओलंपिक में इस बार इज्जतनगर रेल मंडल की खिलाड़ी प्रियंका गोस्वामी प्रतिभाग कर रही हैं। छह अगस्त को पदक के लिए राजस्थान की भावना जाट के साथ मैदान में उतरेंगी। उनका रिकार्ड प्रदर्शन उन्हें पदक का बड़ा दावेदार बनाता है। प्रियंका की जीत के लिए रेल मंडल ने प्रार्थना करना शुरू कर दिया है। मूल रूप से मेरठ की रहने वाली प्रियंका गोस्वामी इज्जतनगर रेल मंडल में लिपिक पद पर कार्यरत हैं। मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि अगर प्रियंका कोई भी पदक ओलंपिक में जीतती हैं तो रेलवे उन्हें रुपयों के साथ ही आउट आफ टर्न प्रमोशन भी देने का काम करेगा।

प्रियंका के नाम हैं कई उपलब्धियां

प्रियंका ने 2011 में प्रदेश स्तरीय पांच किलोमीटर पैदल चाल में स्वर्ण पदक जीता, अंडर -18 आयु वर्ग में तीन स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदक जीते। अगस्त 2014 में नार्थ जोन में 10 किमी पैदल चाल को 48 मिनट 30 सेकेंड में पूरा कर नया रिकार्ड बनाया। जो कि अब तक कायम है। 2016 में इटली के रोम में हुई वर्ल्ड वाकिंग टीम चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।

21 की उम्र में ही रच दिया इतिहास

महज 21 साल की उम्र में खेल स्पर्धा पैदल चाल में प्रतिभाग किया। कड़ी मेहनत और मजबूत इच्छाशक्ति के दम पर उन्होंने इतिहास रच दिया। 2011 में प्रियंका ने अपना करियर का सफर शुरू किया। ओलंपिक क्वालीफिकेशन में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाते हुए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। अब छह अगस्त को वह अपने पहले मुकाबले में ही इतिहास बनाने के इरादे से मैदान में उतरेंगी।

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