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एल के आडवाणी और एमएम जोशी के राष्ट्रपति बनने में कानूनी अड़चन नहीं…

संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के मुताबिक कानून में कुछ भी ऐसा नहीं है कि जिसके खिलाफ कोई आपराधिक केस चल रहा हो वह चुनाव नहीं लड़ सकता।

नई दिल्ली। आडवाणी और जोशी के नाम अगले राष्ट्रपति पद के लिए चल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला उनके भविष्य पर क्या असर डालेगा? संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के मुताबिक मामला सिर्फ नैतिकता का है। कानून में कुछ भी ऐसा नहीं है कि जिसके खिलाफ कोई आपराधिक केस चल रहा हो वह चुनाव नहीं लड़ सकता। वैसे भी हर व्यक्ति तब तक निर्दोष है, जब तक कि उसे कानूनी तौर पर दोषी नहीं करार दिया जाता। इन नेताओं के खिलाफ जो भी आरोप हैं, अभी ट्रायल के विषय हैं। ट्रायल के बाद ही तय होगा कि वे दोषी हैं या नहीं। ऐसे में कानूनी तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर कोई अड़चन नहीं है।

तो कांग्रेस के कितने सीएम को इस्तीफा देना पड़ेगा

क्या कोर्ट के फैसले का राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चयन पर असर होगा? इस सवाल पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘यह काल्पनिक सवाल है।’ ..क्या उमा भारती को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना चाहिए? इस सवाल के जवाब में जेटली ने कहा ”यदि यह पैमाना है तो कांग्रेस के कुछ मौजूदा मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना होगा। यदि आरोप-पत्र (इस्तीफा देने का) रूल हो तो हिसाब लगाएं कि कांग्रेस के कितने मुख्यमंत्रियों को जेल जाना पड़ेगा?”

किसने क्या कहा

-उम्मीद करें, पीएम इस बार नहीं भूलेंगे जहां तक अन्य मामले की बात हो तो हमारे प्रधानमंत्री नैतिकता के प्रति हमेशा ही बड़े प्रतिबद्ध होते हैं। यह उनकी सार्वजनिक घोषणा है। लेकिन जब उनके मंत्रियों की बात हो तो वह कभी-कभी भूल जाते है। हम उम्मीद करें कि वह इस बार यह नहीं भूलेंगे।

-दोषी दंडित हों सुप्रीम कोर्ट ने बोला है। न्याय होना चाहिए, दोषी दंडित हों। पीएम यह सुनिश्चित करें कि उनके मंत्री ‘उच्च नैतिकता’ बनाए रखें। कानून सबके लिए बराबर है।

-कोई साजिश नहीं, इस्तीफा नहीं दूंगी। साजिश के आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं। अयोध्या मामले में कोई साजिश नहीं थी। सब कुछ खुल्लम-खुल्ला था। साजिश का सवाल ही नहीं उठता। 1984 में जब सिख विरोधी दंगा हुआ तो सोनिया गांधी राजीव गांधी के घर पर थीं। क्या इसका यह मतलब कि सोनिया जी साजिश का हिस्सा थीं? राम मंदिर बनेगा, कोई माई का लाल उसे रोक नहीं सकता।

-मोदी ने आडवाणी को रेस से हटाया। सीबीआई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कंट्रोल’ में है। उन्होंने इसका इस्तेमाल कर आडवाणी को दरकिनार और राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर कर दिया है। सभी जानते हैं कि सीबीआई वही करती है, जो सरकार कहती है। यह पीएम की सोची-समझी राजनीति है। 

-प्रतिक्रिया से पहले अध्ययन करेंगे सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया देने से पहले भाजपा उसका गहराई से अध्ययन करेगी। पार्टी आडवाणी, जोशी, उमा भारती का बहुत सम्मान करती है।

 

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