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ऐसे जानिए आपकी कुंडली में पितृदोष है या नहीं…

श्राद्ध पक्ष 13 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। हिन्दू धर्म में भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि से आरम्भ होने पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है। 16 दिनों तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष में पितरों को विशेष रूप से याद करते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं। श्राद्ध पक्ष के दौरान परिजन अपने पितरों को तर्पण, पिण्डदान व श्राद्ध करते हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उसके लिए भी श्राद्ध पक्ष का समय विशेष होता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में पितृ दोष होता है उनको तमाम तरह की परेशानियां आती हैं। आइए जानते हैं पितृ दोष होने पर क्या-क्या होता है।

कुंडली में पितृ दोष होने पर व्यक्ति को संतान संबंधी परेशानियां आती हैं। ऐसे में व्यक्ति को संतान पैदा होने में बाधा बनी रहती है।

धन हानि होने का कारण कुंडली में पितृ दोष होना हो सकता है। पितृ दोष होने पर व्यक्ति के जीवन में हमेशा पैसे की कमी रहती है।

जब परिवार में झगड़ा, मनमुटाव और मानसिक परेशानियां बढ़ने लगे तो इसका कारण पितृ दोष हो सकता है।

कुंडली में पितृदोष होने पर व्यक्ति को मुकदमों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे व्यक्तियों को लगातार कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटना पड़ता है।

पितृ दोष होने पर बीमारियों से जूझना पड़ सकता है। इसके अलावा विवाह होने में परेशानियां आने लगती हैं।

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