अजब-गजब

ओ नेगेटिव नहीं ये है दुनिया का सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप, शर्त लगा लो आप नही जानते होंगे

अगर आप ओ नेगेटिव ब्‍लड ग्रुप को सबसे रेयर ब्‍लड ग्रुप मानते हैं तो अपनी इस मान्‍यता को अब बदल लें. आपको हम ऐसा करने की राय इसलिए दे रहे हैं कि क्‍योंकि आज हम आपको उस ब्‍लड ग्रुप के बारे में बताएंगे जो अति दुर्लभ (रेयर ऑफ द रेयरेस्ट) है. इस ब्‍लड ग्रुप का नाम है बॉम्‍बे ब्‍लड ग्रुप (Bombay Blood Group). बॉम्‍बे ब्‍लड ग्रुप कितना दुर्लभ है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि मेघालय में पिछले साल जब एक गर्भवती महिला को बॉम्‍बे ब्‍लड ग्रुप वाले रक्‍त की आवश्‍यकता हुई तो झारखंड के दो व्‍यक्तियों को कोलकाता आकर रक्‍तदान करना पड़ा. फिर यहां से हवाई जहाज से शिलांग इस रक्‍त को भेजा गया.ओ नेगेटिव नहीं ये है दुनिया का सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप, शर्त लगा लो आप नही जानते होंगे

10 लाख लोगों में केवल 4 का ब्‍लड ग्रुप होता है बॉम्‍बे

विश्व में दस लाख की आबादी में चार लोग ‘बॉम्बे’ ग्रुप वाले हैं. इस ब्‍लड ग्रुप को hh ग्रुप भी कहते हैं. जिस व्‍यक्ति का ब्‍लड ग्रुप बॉम्‍बे होता है, उस व्‍यक्ति को केवल बॉम्‍बे ब्‍लड ग्रुप का रक्‍त ही चढाया जा सकता है. यही कारण था कि मेघालय की महिला के लिए झारखंड के बॉम्‍बे ब्‍लड ग्रुप वाले दो लोगों ने रक्‍तदान किया और उसे फिर हवाई जहाज से भेजा गया. एक खास बात यह भी है कि ‘बॉम्बे’ ब्‍लड को ए, बी, और ओ, ग्रुप के लोगों को चढाया जा सकता है लेकिन अमूमन ऐसा नहीं किया जाता.

ऐसे पड़ा बॉम्‍बे नाम

बॉम्‍बे ब्‍लड ग्रुप का नाम बंबई में इसकी खोज होने के कारण पड़ा. बात साल 1952 की है. एक रेलकर्मी को एक्‍सीडेंट के बाद अस्‍पताल लाया गया. वहां डॉक्‍टर वाईजी भिड़े ने उसका इलाज शुरू किया. जब बाद उसे रक्‍त चढाने की आई तो डॉक्‍टर भिड़े यह देखकर हैरान रह गए कि उस व्‍यक्ति का ब्‍लड ग्रुप प्रचलित किसी भी ग्रुप से मैच नहीं हो रहा था. इस ब्लड टाइप के भीतर पाए जाने वाले फेनोटाइप रिएक्शन के बाद पता चला कि इसके भीतर एंटीजेन- एच (H) है ही नहीं. दूसरे रक्त समूहों में ऐंटिजन-एच होते हैं. यह इससे पहले कभी नहीं देखा गया था. यह खुद में रेयर मामला था. चूंकि इसे दुनिया में सबसे पहले बॉम्बे के भीतर पाया गया था इसलिए इसका नाम बॉम्बे ब्लड टाइप पड़ गया.

भारत में केवल 150 रक्‍तदाता

बॉम्‍बे ब्‍लड ग्रुप कितना रेयर है, इस बात का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि भारत में केवल 150 रक्‍तदाता ही इस ब्‍लड ग्रुप के रजिस्‍ट्रर्ड हैं. फेडरेशन ऑफ इंडियन ब्लड डोनर्स ऑर्गेनाइजेशन भी इस तथ्‍य की पुष्टि करता है. देश के पहले ब्‍लड कॉल सेंटर इंदौर ब्‍लड कॉल सेंटर का कहना है कि देश भर में अभी तक 200 लोगों का पता चला है जिनमें यह ब्‍लड ग्रुप है. अब इन सब लोगों को जोड़ने का काम किया जा रहा है. मध्‍यप्रदेश में केवल 5-7 लोगों का यह ब्‍लड ग्रुप है तो झारखंड में अभी तक दो लोगों का ही पता चला है जो बॉम्‍बे ब्‍लड ग्रुप धारक है. मेघालय में इस ग्रुप का कोई व्‍यक्ति नहीं है.

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