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कठेरिया के विवादित बयान पर घमासान, केंद्रीय मंत्री का दावा कि किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया

105099-katheriaदस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया के एक बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। अपने कथित भड़काउ भाषण के कारण आलोचनाओं से घिरे केन्द्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया था।

मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री ने कहा कि जो कुछ भी समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ है वह गलत है। मैंने किसी समुदाय का नाम नहीं लिया। मैंने कहा था कि विहिप नेता की हत्या करने वाले अपराधी को मौत की सजा देनी चाहिए। मैंने यह भी कहा था कि हिन्दू समुदाय को अपनी सुरक्षा के लिए संगठित होना चाहिए। मैंने गलत समाचार प्रकाशित करने वाले पत्र को नोटिस भेजा है। उल्लेखनीय है कि कठेरिया और फतेहपुर सीकरी के सांसद बाबू लाल रविवार को विहिप नेता अरन महौर की शोकसभा में शामिल हुये थे। विहित नेता की गुरुवार को आगरा में कथित तौर पर दूसरे समुदाय के कुछ युवकों ने हत्या कर दी थी।

शोकसभा में कठेरिया ने कहा था कि हिन्दू समुदाय के खिलाफ जो साजिश रची जा रही है, हमें उसे समझने के लिए चौकन्ना रहना है और खुद को मजबूत करना है। हमें इससे लड़ना होगा, क्योंकि यदि हमने अभी ऐसा नहीं किया तो आज हमने एक अरण खोया है, कल कोई दूसरा अरण खोना पड़ेगा। उस हत्यारे को भी मरना पड़ेगा, हमें एक उदाहरण पेश करना होगा।

कठेरिया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुये लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर देश को विभाजित करने की योजना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब चुनाव नजदीक आ जाते हैं तो वह इसी प्रकार बोलते हैं। वह देश को संगठित नहीं, बल्कि विभाजित करने वाली बयानबाजी करते हैं। यदि वह इसी प्रकार बोलते रहेंगे तो इसकी प्रतिक्रिया देशभर में दिखाई देगी। आज हम इस मसले को इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस मसले पर चुप्पी साधे हुये हैं। आल इंडिया मजलिस-ए-ऐत्तेहादुल मुसलमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह केन्द्रीय मंत्री के बयान से अचंभित नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार का निरंतर, सुसंगत और अप्रिय व्यवहार है। मुझे पूरा भरोसा है कि इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। आवैसी ने कहा कि यह अच्छा हुआ क्योंकि इससे सरकार का वास्तविक एजेंडा सामने आ गया है। ओवैसी ने कहा कि उनका वास्तविक एजेंडा हिन्दुत्व को प्रोत्साहन देना है। एक मंत्री का इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करना स्पष्ट करता है कि वह आगरा शोकसभा में शरीक होने नहीं बल्कि सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने गये थे।

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