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कमजोर वृद्धि व ऊंची मुद्रास्फीति नामंजूर- जेटली

arun-jaitleyमुंबई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि मूल्य स्थिति में सुधार लाने के साथ साथ सकल घरेलू उत्पाद की सतत् वृद्धि हासिल करने के लिये ऊंची मुद्रास्फीति और कमजोर आर्थिक वृद्धि की मौजूदा स्थिति को बदलना होगा। जेटली ने कहा, ‘‘यदि मुद्रास्फीति ऊंची होगी तो आप ऐसी स्थिति में होंगे जहां आर्थिक वृद्धि नीचे होगी। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। और मेरा मानना है कि जब तक हम इसके कारणों का पता नहीं करेंगे कि हम इस स्थिति में कैसे पहुंचे, तब तक इसका समाधान करना मुश्किल है।’’ वित्त मंत्री यहां भाजपा फोरम की एक बैठक में बोल रहे थे। वित्त मंत्री बनने के बाद देश की वित्तीय राजधानी में उनकी यह दूसरी बैठक है। उन्होंने मौजूदा स्थिति के लिये पिछली संप्रग सरकार के कार्यकाल में नीतिगत मोर्चे पर शिथिलता और लोकलुभावन उपायों को जिम्मेदार ठहराया। जेटली ने कहा, ‘‘राजस्थान में निरूशुल्क दवा उपलब्ध कराने जैसी कुछ लोकलुभावन योजनाओं का राज्य के तत्कालीन सत्ताधारी दल को फिर से सत्ता में पहुंचाने में मददगार साबित नहीं हुई।’’ उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार को निम्न आर्थिक वृद्धि विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012-13 में 4.5 प्रतिशत और 2013-14 में यह 4.7 प्रतिशत रही है। उन्होंने कहा, ‘‘विनिर्माण क्षेत्र एक साल स्थिर रहा और दूसरे वर्ष यह गिरावट में आ गया। विनिर्माण क्षेत्र में जब गिरावट आती है तो उत्पाद एवं सीमा शुल्क राजस्व भी कम होता है, इससे सरकार का राजस्व भी घट जाता है और उस पर उधार ज्यादा लेने का दबाव बढ़ जाता है।’’ गरीबी उन्मूलन पर जोर देते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि आज राष्ट्र के समक्ष गरीबी दूर करना और विकास की रफ्तार बढ़ाना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग यह मानने को तैयार नहीं होते हैं कि विकास की रफ्तार धीमी है और हम गरीबी दूर करने में समर्थ नहीं हैं।’’

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