श्रीनगर : केंद्र सरकार कश्मीर मुद्दे को हमेशा के लिए हल करने की रणनीति पर काम कर रही है. इसके लिए मोदी सरकार ने क्वाइट डिप्लोमेसी शांत कूटनीति (क्वाइट डिप्लोमेसी)शुरू कर दी है.इसके तहत अलगाववादी गुट को वार्ता के लिए तैयार करने के मकसद से गत दिनों पीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने विभिन्न हुर्रियत नेताओं से गुप्त मुलाकात की. अब उनकी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार अगला कदम उठाएगी.
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उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार कश्मीर मुद्दे के स्थायी समाधान की रणनीति पर काम कर रही है. सरकार चाहती है कि सभी प्रमुख नेताओं को बातचीत की प्रक्रिया में शामिल किया जाए .इसलिए हुर्रियत व अन्य अलगाववादियों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने के लिए उसी शांति कूटनीति को अपना रही है.शांति कूटनीति का संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त को लाल किले से दिए भाषण में भी मिला था जिसमे उन्होंने कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान गाली या गोली से नहीं, बल्कि कश्मीरियों को गले लगाने से होगा.
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इस बारे में सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार चाहती है कि अलगाववादियों के साथ बातचीत की घोषणा वार्ता का एजेंडा और समय दोनों तय होने के साथ ही सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज सहित सभी प्रमुख अलगाववादी बातचीत की मेज पर बैठने को तैयार हो जाएं. गिलानी का पिछले सप्ताह कश्मीर मसले को जम्हूरियत, इंसानियत के दायरे में हल करने संबंधी बयान देना भी इसी कड़ी का हिस्सा है.