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कश्मीर में मासूम बच्चों में भरा जा रहा है जहर, सड़क पर लगाते हैं आजादी के नारे

जम्मू : कश्मीर के हालत इतने खराब होते जा रहे हैं कि बच्चों को जिस उम्र में स्कूल में पढ़ाई की तरफ ध्यान देकर अपने भविष्य को संवारना चाहिए, उस उम्र में वे आजादी के नारे लगा रहे हैं। यहां हम कश्मीर के भटके हुए युवाओं की बात नहीं कर रहे हैं, हम बात कर रहे हैं तीसरी और चौथी क्लास के स्टूडेंट्स की जो आजादी की मांग करते हुए बीच सड़क में नारे लग रहे हैं। एक टूरिस्ट द्वारा बनाया गया एक वीडियो सोशल साइट में तेजी से वॉयरल हो रहा है। टूरिस्ट ने आजादी के मायनों को लेकर इन बच्चों से बातचीत भी की।

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कश्मीर में मासूम बच्चों में भरा जा रहा है जहर, सड़क पर लगाते हैं आजादी के नारे

-वॉयरल हुए इस वीडियो को देखकर इस बात का अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है कि इन बच्चों को इस तरह की तालीम देने में किसी का हाथ तो है।
-वीडियो में बच्चों से जब कश्मीर गया एक टूरिस्ट आजादी के मायने पूछता है तो ये बच्चे कश्मीर की आजादी की बात करते हैं, हालांकि आजादी के मायने इन बच्चों को मालूम ही नहीं हैं।
-करीब 8 और 9 साल की उम्र के ये बच्चे बताते हैं कि कश्मीर भारत में नहीं जाना चाहिए, इन मासूमों को ये अभी तक तालीम ही नहीं दी गई है, कश्मीर भारत में ही है।

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-वीडियो में ये बच्चे यह भी कह रहे हैं कि भारत हमारी फौज को मार रहा है। जब इनसे पूछा गया कि आपकी फौज कौन सी है , तो ये बताते हैं कि हमारी फौज हिजबुल मुजाहिद्दीन है।
-बच्चे भारत को अपना दुश्मन और पाकिस्तान और चीन को अपना दोस्त बता रह हैं।
-वीडियो को देखकर एक बात तो साफ है कि इसके पीछे का शिक्षक कोई और है? और वह जो भी है, कम से कम इन बच्चों को सही जानकारी तो नहीं ही दे रहा है।
-वीडियो की बातचीत में जो निकल कर सामने आया वह रोंगटे खड़े करने के काफी है।
-यह सोचने पर मजबूर कर देता है, इन बच्चों के दिमाग में कैसी शैतानी भर दी है।
-इन भोले भाले मासूमों को चलते फिरते मानव बम बनाने की यह कोशिश इन दिनों कश्मीर में खूब हो रही है।
-बच्चे जिस तरह के शब्द बोल रहे हैं, जो सोच रख रहे हैं, इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर इन्हें सही जानकारी नहीं मिली तो दहशत के रास्ते पर ये कभी भी निकल सकते हैं।
-इन बच्चों की सोच एक ऐसी अंधी सुरंग की तरह नजर आ रही है, जिसके दूसरे मुहाने पर सिर्फ और सिर्फ तबाही से कम कुछ भी नहीं है।

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