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कश्मीर हिंसा में अब नहीं होगा पैलेट गन

pellet-gun1-580x395श्रीनगर। कश्मीर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है। घटी में अब तक करीब 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं और करीब 3500 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। वहीं पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पैलेट गन से करीब 1 हज़ार से अधिक लोग बुरी तरह से घायल हो चुके हैं। वहीं 25 से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है।

कश्मीर हिंसा : अब लोगों पर चलेगी लकवा मारने वाली गन

राजनाथ सिंह कश्मीर हिंसा में इस्तेलम होने वाले पैलेट गन के विकल्प की तलाश के लिए गठित की गयी जिस कमेटी की बात की उस कमेटी ने विकल्प ढूंढ लिया है। महीनों की रिसर्च और एक्सपेरीमेंट के बाद ये पैलेट गन की जगह लेने को बिल्कुल तैयार है।

भीड़ पर काबू पाने का इससे सुरक्षित और असरदार तरीका अभी तक नहीं है। भीड़ पर इसे फायर करते ही लोगों को ज़ोरदार खुजली होने लगेगी, शरीर में जलन होने लगेगी और थोड़ी देर के लिए लकवा भी मार सकता है।

बताया जा रहा है कि पैलेट गन के बदले अगर इसका इस्तेमाल किया जाए तो ना सिर्फ सामने भीड़ की हिम्मत को खत्म किया जा सकता है। बल्कि घायल नहीं होने की सूरत में जवानों को भी गुस्सा कम आएगा और वो जवाबी कार्रवाई भी कम करेंगे। यानि दोनों ही ओर घायलों की संख्या में बड़ी कमी आएगी।

जम्मू कश्मीर पुलिस के रिटायर्ड डीआईजी विजय सिंह संब्याल के मुताबिक प्रोटेक्टिव बॉडी गियर में अगर जवान हो तो उसको पत्थर दस भी लगेंगे उससे उसको ज़ख्मी नहीं होता है तो उसका अपना जो मानसिक संतुलन होता है।।उसे वो बनाकर रखेगा।। फोर्स की जितनी ज़रूरत होगी।। वो उतना ही इस्तेमाल करेगा।

 बता दें कि लखनऊ में मौजूद इंडियन इस्ट्यूट ऑफ टैक्सीलॉजी रिसर्च में पिछले एक साल से इसकी टेस्टिंग की जा रही थी। अब ये पूरी तरह तैयार है। कमेटी ने दिल्ली में इसी हफ्ते इसकी फाइनल टेस्टिंग की और फिर सुरक्षाबलों को भीड़ पर इसके इस्तेमाल की मंज़ूरी भी दे दी है।

भीड़ को काबू में करने के लिए ये अब तक का सबसे बेहतरीन हथियार साबित होगा। जिससे लोगों के घायल होने की संभावना बिल्कुल ना के बराबर है। जबकि असर पैलेट गन और टियर गैस से कई गुना ज्यादा है।

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