कांग्रेस नेता शत्रुघ्न ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- अब गड़बड़ी के लिए कौन जिम्मेदार, नोटबंदी? या जीएसटी?
लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने मौजूदा अर्थव्यवस्था के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्हें सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कई ट्वीट्स किए। सिन्हा ने कहा कि सर, आर्थिक मंदी अभी हर किसी के बात करने का मुद्दा बनी हुई है, क्या आपको नहीं लगता कि इसे लेकर कुछ करना चाहिए? बाजार और वित्तीय संस्थान संकट में हैं। निजी क्षेत्र के व्यावसाय आशंकित हैं और आम लोग भी सरकार की तरफ ही देख रहे हैं। उन्होंने दूसरे और तीसरे ट्वीट में कहा है कि मंदी के चलते कई उद्योग प्रभावित हुए हैं।
कृषि से लेकर ऑटोमोबाइल, साबुन और शैंपू से लेकर कपड़े और बिस्कुट तक इसमें शामिल हैं। उन्होंने लिखा है, टेक्सटाइल, एविएशन, ऑटोमोबाइल, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस और कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री को काफी नुकसान हुआ है। इस मंदी के प्रभाव के कारण बेरोजगारी की दर छह फीसदी से अधिक हो गई है और 45 वर्षों में सबसे अधिक है। तीन करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हैं!
सिन्हा ने अगले ट्वीट में लिखा है कि आर्थिक स्थिति का सबसे गंभीर परिणाम पारले-जी बिस्किट की कंपनी है। कंपनी ने मांग में गिरावट के कारण दस हजार कर्मचारियों को निकालने का निर्णय लिया है। जिसके बिस्कुट खाकर हम सभी बड़े हुए हैं.. वो बिस्कुट वास्तव में चूर-चूर हो रहा है। सिन्हा ने पांचवें ट्वीट में लिखा है, भारतीय उड्डयन उद्योग सबसे खराब मंदी के दौर से गुजर रहा है। ये तो आगाज है, अभी आगे देखना क्या होता है। इस गड़बड़ी का क्या कारण है? नोटबंदी? जीएसटी? नीतियां? हम विचार करते रहते हैं…. लेकिन हम ये भी जानते हैं कि आप, माननीय प्रधानमंत्री महोदय, हीरो हैं।
कांग्रेस नेता ने छठे ट्वीट में लिखा है कि अर्थव्यवस्था को कौन बचाएगा.. कृपया एक अस्थिर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप और राहत के पैकेज का प्रस्ताव करें। अगर आपको लगता है कि ये लक्ष्य प्राप्त करने में आपकी सहायता करने के लिए देशभर के चैंपियन और मेरे जैसे लोग लक्ष्य को पूरा करने के लिए मदद कर सकते हैं।
अपने आखिरी ट्वीट में सिन्हा ने लिखा, हमें आपकी मदद करने से अधिक खुशी होगी। सिन्हा ने कहा कि किशोर कुमार का एक बहुत लोकप्रिय गीत याद आ रहा है, “आने वाला पल, जाने वाला है, हो सके तो इसमें, जिंदगी बिता दो, पल तो ये जाने वाला है।”…. अब भी उम्मीद है, हम जानते हैं कि ये बेहतर होगा। जय हिंद।