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पूर्व वित्त मंत्री ने केंद्र पर साधा निशाना, बोले- ‘अटपटे’ बयानों से अर्थव्यवस्था नहीं उभरेगी

पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने शनिवार को कहा कि आर्थिक संकट से घिरी घरेलू अर्थव्यवस्था मंत्रियों के अटपटे बयानों से उभरने वाली नहीं है। सिन्हा ने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल के हाल ही में दिए गए बयानों का हवाला देते हुए यह बात कही। सिन्हा ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा कि सरकार में बैठे लोग अटपटे बयान दे रहे हैं। इन बयानों से अर्थव्यवस्था का कल्याण नहीं होगा। बल्कि सरकार की छवि पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश के ऑटोमोबाइल क्षेत्र की मंदी की पृष्ठभूमि में ओला और उबर जैसी ऑनलाइन टैक्सी सेवा प्रदाताओं को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाल ही में दिए गए बयान पर आश्चर्य हुआ।

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि यदि ओला-उबर के चलते यात्री गाड़ियों की बिक्री में गिरावट आई, तो फिर दोपहिया वाहनों और ट्रकों की बिक्री में गिरावट क्यों आई? सिन्हा ने भाजपा के दो अन्य मंत्रियों के बयानों का उल्लेख किया। उन्होंने बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी के बयान पर तंज कसा। बता दें सुशील मोदी ने बयान दिया था कि सावन-भादों के चलते देश में मंदी का माहौल है। वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण वाले बयान पर भी सिन्हा ने तंज कसा।

उन्होंने निर्यात बढ़ाने के लिए दुबई शॉपिंग फेस्टिवल की तर्ज पर भारत में सालाना मेगा शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करने की सीतारमण की ताजा घोषणा पर भी सवाल उठाए। सिन्हा ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात और भारत की अर्थव्यवस्थाओं के हालात एकदम अलग हैं। भारत की अर्थवस्था तभी तरक्की करेगी, जब मध्यप्रदेश के मंदसौर जैसे इलाकों के किसान तरक्की करेंगे।

सिन्हा ने यह भी कहा कि बीते सालों में समय रहते सुधार के कदम नहीं उठाने से देश मौजूदा आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हमें कम से कम आठ प्रतिशत की दर से विकास करना चाहिए था। लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर घटकर पांच प्रतिशत पर आ गई।

पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी दावा किया कि जीडीपी विकास दर में तीन प्रतिशत के इस अंतर से केवल एक तिमाही में देश की आमदनी में छह लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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