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श्रीलंका में आपातकाल लागू

कोलम्बो (एजेंसी)। श्रीलंका में मस्जिदों और मुसलमानों के उद्योग पर सिलसिलेवार हमलों के बाद आपातकाल लागू कर दिया गया। कैंडी शहर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। वहीं दूसरी ओर श्रीलंका में आज से शुरू होने वाले ट्राई सीरीज पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। श्रीलंका में बौद्धों और मुस्लिम ग्रुप के बीच हुई हिंसा की वजह से सरकार ने पूरे देश में दस दिन की इमरजेंसी लागू कर दी है। इसके बाद ऐसा लग रहा है कि निदाहस ट्रॉफी के मुकाबले शायद ही खेले जाएं। श्रीलंका में खेले जाने वाले ट्राई सीरीज में मेजबान श्रीलंका के अलावा भारत और बांग्लादेश की टीमें हिस्सा ले रही हैं। इस टूर्नामेंट का पहला मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच आज शाम 7 बजे से खेला जाना है। हालांकि ये मैच या फिर ये टूर्नामेंट खेला जाएगा या नहीं इसकी कोई आधिकारिक जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है।

श्रीलंका सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पूरे देश में इमरजेंसी लागू कर दी गई है। कैंडी में सोमवार को दो गुटों में हुई झड़प में एक बौद्द मारा गया था। इसके बाद यहां कर्फ्यू लागू कर दिया गया था। हालांकि ट्राई सीरीज के सारे मुकाबले कोलंबो में खेले जाने हैं ऐसे में यहां मैच का आयोजन हो पाता है या नहीं ये सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा।

मिली जानकारी के अनुसार बौद्ध धर्म को मानने वाले सिंहला लोगों ने मुसलमानों की दुकानों पर हमले किए और उन्हें आग के हवाले कर दिया। एक जली हुई इमारत से एक मुस्लिम व्यक्ति की लाश बरामद होने के बाद श्रीलंका में पुलिस को बदले की कार्रवाई का अंदेशा है। सप्ताह भर पहले ट्रैफिक रेड लाइट पर हुए झगड़े के बाद कुछ मुसलमानों ने एक बौद्ध युवक की पिटाई की थी और तभी से वहां तनाव है। पूर्वी शहर अमपारा में भी मुस्लिम विरोधी हिंसा हुई थी। 2012 से ही सांप्रदायिक तनाव की स्थिति श्रीलंका में बनी हुई है। कट्टरपंथी बौद्ध संगठन बीबीएस इस तनाव को शह देता रहता है।
कुछ कट्टरपंथी बौद्ध समूहों ने मुसलमानों पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और बौद्ध मठों को नुक़सान पहुंचाने का आरोप लगाया। पिछले दो महीने के भीतर गॉल में मुसलमानों की मिल्कियत वाली कंपनियों और मस्जिदों पर हमले की 20 से ज़्यादा घटनाएं हुई हैं। साल 2014 में कट्टरपंथी बौद्ध गुटों ने तीन मुसलमानों की हत्या कर दी थी जिसके बाद गॉल में दंगे भड़क गए। श्रीलंका की आबादी दो करोड़ दस लाख के क़रीब है और इसमें 70 प्रतिषत बौद्ध धर्म मानने वाले हैं और 9 प्रतिषत मुसलमान। 2009 में सेना के हाथों तमिल विद्रोहियों की हार के बाद से श्रीलंका का मुस्लिम समुदाय एक तरह से सियासत से दूर रहा है। श्रीलंका में मुसलमानों का मुस्लिम परम्परा के तहत मांसाहार या पालतू पशुओं को मारना बौद्ध समुदाय के लिए एक विवाद का मुद्दा रहा है। श्रीलंका में कट्टरपंथी बौद्धों ने एक बोडु बला सेना भी बना रखी है जो सिंहली बौद्धों का राष्ट्रवादी संगठन है, ये संगठन मुसलमानों के ख़िलाफ़ मार्च निकालता है। मुस्लिमों पर सीधी कार्रवाई की बात करता है और मुसलमानों द्वारा चलाए जा रहे कारोबार के बहिष्कार का वकालत करता है, मुस्लिमों की बढ़ती आबादी से भी बौद्ध संगठन आक्रोषित है।

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