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कांग्रेस ने गायक मोहम्मद रफी के लिए भारत रत्न की मांग की

rafi-चंडीगढ़. हरियाणा मुंबई कांग्रेस ने गुरुवार को प्रख्यात पार्श्‍व गायक दिवंगत मोहम्मद रफी को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की. शहर ईकाई के अध्यक्ष संजय निरुपम की अगुवाई में उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष निजामुद्दीन रईन और कई कार्यकर्ताओं सहित कांग्रेसी नेताओं ने जुहू तारा मार्ग पर रफी की मजार पर गुरुवार को उनकी 91वीं जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

निरुपम ने कहा, “रफी साहब ने कई पीढ़ियों के संगीत प्रेमियों को प्रभावित किया है और वे सभी भारतीयों के दिल में बसे थे, जो अब भी उनकी आवाज के जादू से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. उनके असामयिक निधन के 35 वर्षो के बाद आज भी लोग उनके गीत गुनगुनाते हैं.”

उन्होंने सरकार से रफी साहब को श्रद्धांजलि के तौर पर उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न मरणोपरांत देने का आग्रह किया. इससे पूर्व महान गायक के प्रशंसक कई संगठनों और समूहों ने विभिन्न मौकों पर उन्हें भारत रत्न देने की मांग की है.

रफी साहब ने 1941 में भारतीय संगीत उद्योग में पाश्र्व गायक के तौर पर कदम रखा और अपने मधुर गीतों से ऐसा तूफान मचा दिया था, जिसका जादू आज भी बरकरार है. 55 वर्ष की उम्र में 1980 में उनकी अचानक हुई मौत तक उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. मुंबई और पुणे में रफी साहब के नाम पर सड़कें और बरमिंघम में एक मंदिर बना हुआ है. साथ ही उनके बेटे गायक शाहिद रफी उनके नाम पर ‘मोहम्मद रफी एकेडमी’ भी चलाते हैं.

गौरतलब है कि मोहम्मद रफी का जन्म दिसंबर, 1924 में पंजाब के कोटला सुल्तान सिंह गांव में हुआ. इनका निक नेम फीको था. ऐसा कहा जाता है कि रफी ने गाने की शुरुआत गांव के फकीरों के साथ की थी. हिंदी के अलावा रफी ने असमी, उड़िया, पंजाबी, बंगाली, सिंधी, कन्नड़, गुजराती और तेलुगू में भी गाने गाए. रफी ने 13 साल की उम्र में ही पहली बार पब्लिक परफॉर्मेंस दी थी. उन्होंने लाहौर में अपना परफॉर्मेंस दी थी. पब्लिक परफॉर्मेंस करने के तुरंत बाद उन्हें ऑल इंडिया रेडियो लाहौर से गाने के लिए न्यौता भेजा गया. रफी ने फिल्म में पहली बार 1944 में नौशाद के साथ गाना गाया. वह गाना पहले आप फिल्म का हिंदुस्तान के हम हैं है. मोहम्मद रफी ने ओपी नैय्यर के लिए लगभग 200 गाने गाए हैं.

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