दिल्ली

कांग्रेस ने मांगा केजरीवाल सरकार से इस्तीफा

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के गैरकानूनी फैसलों और गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा करने वाली शुंगलू समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा देने की मांग की है।

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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने आरटीआई के जवाब में हासिल की गयी शुंगलू समिति की रिपोर्ट आज सार्वजनिक करते हुये केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।

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माकन ने कहा कि पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंगलू की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार द्वारा गैरकानूनी तरीके से भूखंड आवंटन करने, सरकार में अपने चहेतों को लाखों रूपये के वेतन पर तैनात करने और सरकारी खर्च पर अनधिकृत विदेश यात्रायें करने के मामलों का खुलासा किया है। इनमें दिल्ली के सबसे पॉश इलाके राउज एवेन्यू में मंत्री के बंगले को बतौर आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय आवंटित करने, गैरकानूनी तौर पर सरकार में 81 नये पद सृजित कर सैकड़ों आप कार्यकर्ताओं को नियुक्त करने और महज 18 महीने में मंत्रियों की 24 अनधिकृत विदेश यात्राओं सहित अन्य गंभीर मामलों का खुलासा हुआ है।

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रिपोर्ट में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या जैन और मंत्री गोपाल राय के रिश्तेदार अभिनव राय को सरकार में भारी वेतन पर नियुक्त करने, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल और आप विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी को अनधिकृत तौर पर सरकारी आवास आवंटित करने के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय में आप कार्यकर्ता गोपाल मोहन को एक रूपये के वेतन पर तैनात करने के चार महीने बाद सवा लाख रूपये का वेतन पिछले बकाया के साथ देने का मामला सामने आया है।

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इतना ही नहीं केजरीवाल सरकार द्वारा कक्षा 12 पास कुछ कार्यकर्ताओं को भी अहम सरकारी पदों पर नियुक्त करने का रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। इसमें पर्यटन सलाहकार के तौर पर आप कार्यकर्ता रौशन शंकर का मामला भी है जबकि शंकर के पास पर्यटन के क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं है।

माकन ने रिपोर्ट के हवाले से केजरीवाल सररकार द्वारा गठित दिल्ली संवाद आयोग (डीडीसी) में अपने चहेतों को नौकरी देने के खुलासे की तुलना दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह केजरीवाल ने वित्त मंत्री अरूण जेटली पर डीडीसीए में अपने चहेतों को नौकरी देने का आरोप लगाया था उसी तरह शुंगलू समिति ने डीडीसी को आप कार्यकर्ताओं को नौकरी देने का गढ़ बताया है।

गत वर्ष चार अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उपराज्यपाल को दिल्ली का प्रशासनिक प्रमुख बताने के फैसले के बाद तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने केजरीवाल सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में किये गये फैसलों की वैधानिकता की जांच के लिये तीन सदस्यीय शुंगलू समिति गठित की थी। गत वर्ष दिसंबर में शुंगलू समिति द्वारा जंग को सौंपी गयी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की माकन लगातार मांग कर रहे हैं। मांग पूरी नहीं होने पर माकन ने 22 फरवरी को आरटीआई के जरिये रिपोर्ट हासिल करने का आवेदन किया।

आरटीआई के जवाब में मिली रिपोर्ट को माकन ने अब तक सार्वजनिक नहीं करने के पीछे आप और भाजपा की मिलीभगत होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जानबूझ कर केजरीवाल को बचा रही है। अब उपराज्यपाल अनिल बैजल और मोदी सरकार के पास केजरीवाल सरकार की गैरकानूनी गतिविधियों से दिल्ली वालों को बचाने के लिये शुंगलू समिति की रिपोर्ट पुख्ता हथियार है।

माकन ने कहा कि रिपोर्ट में केजरीवाल का हाल ही में गृह कर माफ करने का झूठ भी उजागर हुआ है। इसमें पता चला है कि केजरीवाल सरकार ने पिछले साल भाजपा की अगुवाई वाले नगर निगमों के अनुरोध पर आवासीय भवनों पर गृह कर लगाने को हरी झंडी दे दी थी जबकि अब वही केजरीवाल गृह कर को माफ करने की मांग कर रहे है।

माकन ने कहा कि शुंगलू समिति की रिपोर्ट में उजागर हुये केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ कांग्रेस कल से आंदोलन शुरू करेगी। कल कांग्रेस कार्यकर्ता काला दिवस मनाते हुए नगर निगम के सभी 272 वार्ड में केजरीवाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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