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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह बोले, CM जितना जल्दी गद्दी छोड़ें अच्छा होगा

देहरादून । प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरकार के लोक कल्याणकारी कार्यो में बाधा डालने के भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही पलटवार करते हुए प्रदेश में डेंगू का कहर रोकने और जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला थामने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य समेत महत्वपूर्ण विभागों को संभालने में विफल रहे हैं। मुख्यमंत्री जितना जल्दी गद्दी छोड़ दें, उतना ही अच्छा है।

उधर, कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला। प्रदेश अध्यक्ष समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एक सुर में कहा कि भाजपा सरकार नियमों को दरकिनार कर येन-केन-प्रकारेण पंचायत चुनाव जीतना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती। जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

कांग्रेस ने प्रदेश भाजपा के राजभवन पहुंचकर कांग्रेस के खिलाफ सौंपे गए ज्ञापन पर सवाल खड़े किए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल से उसका हक छीना नहीं जा सकता। प्रदेश में 4800 से ज्यादा लोग डेंगू की चपेट में है तो ऐसे में डेंगू को महामारी मानने से मुख्यमंत्री के इन्कार पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

रुड़की के बाद टिहरी और अब देहरादून में जहरीली शराब पीने से लोगों को जान गंवानी पड़ी। भाजपा को इन मौतों पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। पार्टी ने कहा कि आपदा से उत्तरकाशी जिले में हुई मौत के आंकड़े को लेकर सरकार की चुप्पी खुद ही सवालों के घेरे में है।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से मुखातिब प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मंत्री नवप्रभात, उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि पंचायत चुनाव को जीतने के लिए नियमों को ताक पर रखने की सरकार की कोशिश निंदनीय है। ऐसे प्रत्याशियों ने भी नामांकन किए हैं, जिनके नाम दो अलग-अलग मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। राज्य निर्वाचन आयोग को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव को लेकर संदेह है। आरोप लगाया कि आयोग सरकार के हाथों की कठपुतली बन गया है।

विकासनगर, कालसी व चकराता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पहले नगर निकाय और अब पंचायत चुनाव में अलग-अलग मतदाता सूचियों में नाम रखने वाले कई लोगों ने नामांकन किया है। मुख्यमंत्री दालपोषित योजना के पैकेटों में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री का भी फोटो है। यह आचार संहिता का उल्लंघन है।

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